(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Health Tips: विटामिन डी की कमी कहीं कर न दे आपके शरीर को खोखला, जानें इसके लक्षण, इलाज और फ़ूड सोर्सेज
Health Tips: शरीर में विटामिन डी की कमी होना एक आम बात है. लेकिन उस कमी को पूरा करने की बजाय नज़रंदाज़ कर देना सही नहीं. क्योंकि विटामिन डी उन ज़रूरी विटामिन्स में से एक है, जिसकी नियमित मात्रा अगर आपके शरीर को चला सकती है तो उसकी कमी आपके शरीर को खोखला भी कर सकती है.
Health Tips: एक वक़्त था जब शरीर में विटामिन्स की कमी अक्सर एक उम्र के बाद देखने को मिलती थी. लेकिन आज के बीमारी के इस दौर में कम उम्र वाले लोग भी इस परेशानी का शिकार हो रहे हैं. आज के टाइम में ज़्यादातर लोग विटामिन डी की कमी से जूझ रहे हैं. लेकिन हैरानी की बात ये है कि लोग इसे एक मामूली प्रॉब्लम समझ कर इग्नोर कर देते हैं बिना ये जानें कि इसके नतीजे कितने खतरनाक साबित हो सकते हैं. इसलिए हम आज आपको विटामिन डी की बारीखी से इन्फॉर्मेशन देंगे जिसमें उसकी कमी के लक्षण, इलाज और फ़ूड सोर्सेज की डिटेल्ड जानकारी मौजूद है. जिसे जानना आपके लिए बेहद ज़रूरी है ताकि आप इसे कोई आम प्रॉब्लम मान कर नज़रंदाज़ न कर सकें और इसका खामियाज़ा आपके शरीर को न भुगतना पड़े.
विटामिन डी की इम्पोर्टेंस विटामिन डी की मदद से शरीर में कैल्शियम बनता है. विटामिन डी सॉल्यूबल प्रो हॉर्मोंस का एक समूह है जिसका काम आंतो से कैल्शियम को सोखकर उसे हड्डियों तक पहुंचना है. इसके अलावा, विटामिन डी बॉडी को इन्फेक्शन से बचाने वाले फंक्शनिंग सेल्स को भी दुरुस्त रखता है और इम्यून सिस्टम को भी मज़बूत बनाता है. इतना ही नहीं, विटामिन डी फेफड़ों को इंफेक्शन से दूर रखने का काम भी करता है. सबसे मजेदार बात तो ये है कि विटामिन बॉडी में कभी भी प्रोटीन की कमी नहीं होने देता.
विटामिन डी की कमी से परेशानी कमज़ोर हड्डियों का मेन रीज़न बॉडी में विटामिन डी की कमी होना है. ऐसे में शरीर को कितना भी कैल्शियम मिले लेकिन विटामिन डी के कमी के कारण इसका कोई फायदा नहीं मिल पाता है. इतना ही नहीं, अगर ब्लड में कैल्शियम का लेवल गिरने लगे तो उसे पूरा करने के लिए खून हड्डियों से कैल्शियम लेना शुरू कर देता है. नतीजा हाथ पैरों में भयंकर दर्द और ऐठन.
विटामिन डी की कमी के लक्षण 1. हड्डी और मांसपेशियों में कमजोरी 2. चलते वक्त घुटने से आवाज आना 3. जल्दी जल्दी थकना 4. बेचैनी होना 5. चिड़चिड़ापन 6. बालों का झड़ना 7. पीरियड्स अनियमित होना 8. इम्यून सिस्टम का कमजोर होना 9. इनफर्टिलिटी की संभावना 10. याददाश्त कमजोर हो ना
विटामिन डी की कमी के लिए जांच और बचाव अगर आपको अपने अंदर विटामिन डी की कमी महसूस हो रही है या इसके लक्षण नज़र आ रहे हैं तो एक बार '25- हाइड्रोक्सी' टेस्ट ज़रूर करवाएं और डॉक्टर से सलाह लें. डॉक्टर्स के मुताबिक़, ब्लड में विटामिन डी का नॉर्मल लेवल 50-20 नैनोग्राम होना चाहिए. लेकिन अगर ये लेवल 20 नैनोग्राम तक पहुंच जाए तो सतर्क हो जाना ही बेहतर है. ऐसे में डॉक्टर्स विटामिन डी के सप्लीमेंट्स लेने की और रोजाना एक्सरसाइज करने जैसे वर्कआउट, साइकिलिंग, डांस आदि की सलाह देते हैं. जिससे बॉडी को कैल्शियम अब्सोर्प करने में मदद मिल सके.
विटामिन डी सोर्सेज बॉडी को रोजाना 10 माइक्रोग्राम विटामिन डी की जरूरत होती है. ऐसे में अपनी डाइट में अंडा, मछली, हरी सब्जियां, मिल्क प्रोडक्ट्स आदि को शामिल करना आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है. इसके अलावा, रोजाना थोड़ी देर के लिए धूप में बैठना भी आपके शरीर में विटामिन डी की कमी को कुछ हद तक भर सकता है.
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