Sneezing Infection Precautions: छींक आना स्वाभाविक प्रक्रिया है. यह हर किसी को और किसी भी वक्त आ सकती है. छींक आने के कई कारण होते हैं. एलर्जी, डस्ट या तेज गंध के कारण भी छींक आती है. सर्दी, जुकाम होने पर भी छींक आती है. बचपन से ही हमें सिखाया गया है कि छींक आते समय मुंह पर हाथ या रुमाल रखना चाहिए. ऐसा इसलिए ताकि हमारी वजह से किसी दूसरे तक इंफेक्शन न फैले. दरअसल, हमारी नाक के अंदर म्यूकस झिल्ली होती है. इसमें मौजूद नर्व्स काफी सेंसेटिव होती हैं. ऐसे में जब बाहर से कण अंदर आते हैं तो दिमाग इन्हें बाहर निकालने के लिए नर्व्स को मैसेज करता है, इसी वजह से छींके आती हैं. जब भी छींक आए तो 5 बातों का ख्याल रखना चाहिए. इससे आप भी सुरक्षित रहते हैं और दूसरे भी इंफेक्शन से बच सकते हैं..
मुंह पर रूमाल रखें
छींक आने के कुछ सेकेंड्स पहले हमें इसका एहसास हो जाता है. इसलिए जब भी छींक आने वाला हो, मुंह पर रूमाल रखें. इससे आसपास रहने वाले लोगों तक संक्रमण नहीं फैलता है. इसलिए जब भी घर से baahrजाएं तो साथ में रूमाल जरूर रखें.
साबुन से हाथ धोएं
अगर आपको किसी भी वजह से छींक आती है और आप रूमाल की बजाय हाथ का इस्तेमाल करते हैं तो ऐसे में वायरस आपके हाथों में ही रह जाता है. ऐसे में अपने हाथों से किसी चीज को छूने की बजाय साबुन से धोएं. करीब 20 सेकंड तक साबुन से हाथ धोने से इंफेक्शन का खतरा काम हो जाता है.
हाथ धोने तक किसी चीज को न छुएं
छींक के दौरान मुंह पर हाथ लगाने के बाद किसी भी चीज को छूने की भूल नहीं करनी चाहिए. अगर आप लापरवाही से किसी चीज को छोते हैं तो इंफेक्शन उसके जरिए किसी व्यक्ति तक पहुंच जाता है. ऐसे में साबुन से हाथ धोना न भूलें.
सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें
इंफेक्शन से बचने और दूसरों को बचाने के लिए आप सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं. आप जब भी घर से बाहर जाएं, जेब में सैनिटाइजर जरूर कैरी करें. छींकने के बाद तत्काल सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें, जिससे कीटाणु खत्म हो सकते हैं.
एकांत खोजें
अगर आप छींक की समस्या से परेशान रहते हैं तो छींकने के दौरान कोशिश करें कि ऐसी जगह पर चले जाएं, जहां लोग कम हो या एकांत हो. जब ज्यादा लोग नहीं रहेंगे तब इंफेक्शन का रिस्क कम होता है.
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