Health Tips: आज के समय की लाइफस्टाइल और इनफर्टिलिटी यानि कि बांझपन के बीच एक गहरा नाता है. पिछले कुछ सालों में कंसीव न कर पाने के मामलों में लगभग 20 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है. जिसके प्रमुख कारणों में खराब डाइट, एक्सरसाइज न करना, मोटापा, प्रदूषण , बदलती जीवनशैली, गर्भनिरोधक गोलियों का ज्यादा उपयोग और अधिक विषैले पदार्थों का आपके शरीर में पहुंचना आदि. ऐसा न केवल महिलाओं की प्रजनन क्षमता कम होने की वजह से है बल्कि पुरुषों की प्रजनन क्षमता में भी गिरावट होने के कारण हुआ है. अगर 50 प्रतिशत समस्या महिलाओं में है तो 50 प्रतिशत पुरुषों में भी परेशानी होने के कारण ऐसा हो रहा है, तो आइए आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं.


महिलाओं में बांझपन के कारण हैं
ज्यादातर कारणों में से पेल्विक पैथलॉजी (ओवरियन, ट्यूबल, गर्भाशय), यूट्रीन फाइब्रॉयड, एडिनोमायोसिस, कंजेनिटल यूट्रीन एनमेलीज़, यूट्रीन अढ़ेशन, यूट्रीन पॉलिप्स, क्रोनिक एंडोमेट्रैटिस, ट्यूबल ब्लॉकेज, ओव्युलेट्री डिस्फंक्शन, पीसीओएस आदि बीमारयां शामिल होती हैं या फिर वर्किंग महिलाएं गर्भधारण को टालती रहती हैं और ज्यादा उम्र होने पर महिलाओं के अंडों के गुणों में खराबी होने लगती है. इसी वजह से भी महिलाओं में बांझपन की संभावना बन जाती हैं.


पुरुषों में बांझपन के कारण हैं
पुरुषों में यह समस्या, बांझपन का पारिवारिक इतिहास, टेस्टिकल की नसों का फैल जाना या शुक्राणु नली का ब्लॉक हो जाना, तनाव, मोटापा या शारीरिक रूप से एक्टिव न होना, धूम्रपान और शराब, हार्मोन्स में नियमित असंतुलन, प्रदूषण जैसे कई कारण जिम्मेदार होते हैं.


ये हैं आनुवांशिक विकार या इनफर्टिलिटी के कारण
आपकी लाइस्टाइल में बदलाव जैसे कि धूम्रपान, शराब, तंबाकू का सेवन, फिजिकल इनएक्टिविटी, नींद न लेना, खराब डाइट, मोटापा और तनाव आदि इनफर्टिलिटी को बढ़ावा देने वाले कारक तो होते ही हैं. इसके साथ ही प्रदूषण और व्यावसायिक खतरा या कोई आनुवांशिक समस्या जैसे कि क्रोमोसोमल की असामान्यताएं, अपरिचित इनफर्टिलिटी आदि भी हैं.


रखें इन बातों का ख्याल
-लंबे समय तक कैफीन का अधिक सेवन बेहद हानिकारक होता है. जो महिलाएं हर रोज पांच कप कॉफी के समान कैफीन का सेवन करती हैं, उन्हें गर्भधारण करने में बहुत अधिक समय लगता है.
-शराब और धूम्रपान का सेवन गर्भधारण करने की क्षमता को कमजोर करते हैं और गर्भपात का खतरा बढ़ा देते हैं. सिगरेट के धुएं में जो रसायन पाया जाता है वह पुरुषों में प्रजनन की क्षमता को कमजोर कर सकता है. इसके अवाला गांजा और कोकेन से स्पर्म की संख्या कम होती है और खराब स्पर्म की संख्या में बढ़ोत्तरी हो जाती है.
-अधिक मोटापा एक महिला की प्रजनन क्षमता को घटाने का काम करता है और गर्भपात एवं प्रीमेच्योर बर्थ की संभावनाओं को बढ़ाता है. 5% से 10% तक वजन कम करने से ओव्यूलेशन और गर्भावस्था की दर में सुधार की संभवनाएं हो सकती हैं.
-अगर आप हल्का-फुल्का व्यायाम करते हैं तो पुरुष और महिला दोनों की प्रजनन क्षमता में बढ़ोत्तरी होती है. आपको हर दिन लगभग 30 मिनट की ब्रिस्क वॉक यानि तेजी से चलना, योगा जरूरी है. इससे आपका ब्लड सरकुलेशन अच्छा रहता है.
-तनाव गर्भावस्था में हानिकारक सिद्ध होता है. वैसे तो तनाव, डिप्रेशन या चिंता आपकी प्रजनन क्षमता को सीधा प्रभावित नहीं करते हैं, मगर ये आपके हार्मोन्स में खराबी के लिए जिम्मेदार होते हैं. इससे मासिक धर्म प्रभावित होता है और अंडों के बनने की संख्या भी घट जाती है.


बांझपन या इनफर्टिलिटी का उपचार
मेडिकल में हुए संशोधनों की सहायता से इसके इलाज के विकल्पों में प्रगति हुई है. जिन्हें अपनाकर बांझपन की समस्या का आसानी से इलाज कराया जा सकता है. इसके लिए आपको अपनी लाइपस्टाइल में बदलाव करके बांझपन की इस समस्या से बचाव मिल सकता है. अगर इसके बाद भी आप बांझपन का शिकार हो जाते हैं तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें.


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