Health News: कोलेस्ट्रॉल बढ़ाना और इससे हार्ट अटैक की समस्या होना आजकल सबसे आम समस्याओं में से एक है. लेकिन इससे पहले शरीर कुछ संकेत देता है, अगर हम उसे नजरअंदाज नहीं करें तो इसे समय रहते रोका जा सकता है. जिसमें से एक है पैरों का दर्द. जी हां, अगर आपको लंबे समय तक पैरों में दर्द बना रहता है, तो यह हार्ट अटैक या कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का संकेत हो सकता है. 

ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट 


एक्सपर्ट के मुताबिक, जब आपके शरीर में खून का संचार ठीक तरीके से नहीं होता तो पैरों में झुनझुनी आना या दर्द बने रहने की समस्या हो सकती है. यह कोलेस्ट्रॉल लेवस बढ़ने का एक संकेत है, जिसे आपको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. ये आम पैरों के दर्द से अलग होता है और इसमें चलने में भी दिक्कत होती है.

हार्ट को खतरा


अगर आपके पैरों में लंबे समय तक दर्द बना रहता है और पैरों में ब्लड सर्कुलेशन ठीक तरीके से नहीं होता, तो इससे ना सिर्फ कोलेस्ट्रॉल लेवल ही बढ़ता है बल्कि हार्ट संबंधी परेशानियां भी हो सकती है. एनसीबीआई के आंकड़ों के मुताबिक भारत में 25 से 30% लोगों को हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या होती है और यह हाई कोलेस्ट्रॉल कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का एक कारण होता है. जिससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक, ब्लॉकेज जैसी समस्या हो सकती हैं.

क्या होता है पेरिफेरल आर्टरी डिजीज


पेरिफेरल आर्टरी डिजीज में पैरों में रुक रुक के दर्द होता है और अकड़न की समस्या भी होती है. हालांकि कुछ समय बाद यह अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन अगर लंबे समय तक आपको पैरों में अकड़न और दर्द बना रहे, तो आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए. जो लोग मोटापे का शिकार होते हैं या जिनकी उम्र 60 साल से अधिक होती है उन्हें इस समस्या की सबसे ज्यादा संभावना होती है. 

ऐसे करें बचाव


पैरों के दर्द और कोलेस्ट्रॉल लेवल को संतुलित रखने के लिए आप हाई फैट डाइट लेने से परहेज करें. साथ ही धूम्रपान, शराब आदि चीजों से किनारा कर लें. पैरों में दर्द को कम करने के लिए नियमित व्यायाम बहुत जरूरी है. आप वॉक कर सकते हैं या हल्के-फुल्के व्यायाम कर सकते हैं.

 

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