साइनसाइटिस या साइनस नाक की एक बीमारी है. इस बीमारी में नाक रूक जाती है, साथ  ही नाक में कफ का बहाव भी काफी ज्यादा हो जाता है. सही समय पर इलाज न कराने पर सभी तरह के साइनस रोग आगे जाकर गंभीर बीमारी में बदल सकते हैं. इस रोग में नाक के अंदर की हड्डी बढ़ जाती है या तिरछी हो जाती है जिस वजह से सांस लेने में दिक्कत आती है. जब भी ठंडी हवा या धूल, धुंआ उस हड्डी पर टकराता है तो मरीज को काफी परेशानी होती है.


हर साल 10 में से तीन लोगों को होता है साइनस


गौरतलब है कि साइनस इंफेक्शन होने पर साइनस की झिल्ली में सूजन आ जाती है. इस वजह से  साइनस में पस या कफ आदि भर जाता है और साइनस बंद हो जाते हैं. ऐसा होने पर माथे पर,गालों पर और ऊपर के जबड़ों में भयंकर दर्द सताने लगता है. साइनसाइटिस आम सर्दी-जुकाम के रूप में शुरू होता है, और फिर धीरे-धीरे एक बैक्टीरियल, वायरल या फंगल इंफेक्शन के रूप में पूरी तरह से विकसित हो जाता है. यह बीमारी तीन से आठ हफ्ते के मध्य रहने पर तीव्र और आठ सप्ताह से ज्यादा रहने पर क्रॉनिक साइनसाइटिस कहलाती है. बता दें कि प्रत्येक वर्ष दस में से तीन इस बीमारी से पीड़ित होते हैं.


साइनस के लक्षण


लगातार नाक बह रही है तो ये साइनस का लक्षण हो सकता है.


नाक बंद होने की वजह से सांस लेने में परेशानी हो सकती है.


आंख, नाक, गाल और माथे के आसपास सूजन और दर्द जैसा महसूस होना.


गंध और टेस्ट की क्षमता का कम हो जाना.


इनके अलावा कान दर्द होना, ऊपरी जबड़े और दांतों में भी दर्द महसूस होना, रात के समय खांसी ज्यादा बढ़ना, गले में खराश होना, मुंह से बदबू आना, थकान या चिड़चिड़ापन जैसा महसूस होना भी साइनस के लक्षण हो सकते हैं.


साइनस से बचाव के टिप्स


अपने घर को अक्सर साफ करें- अगर आपने अपने घर को ठीक से साफ नहीं किया है, तो फौरान करें. दरअसल ठीक से सांस लेने के लिए घर में साफ हवा होना बेहद जरूरी है. अगर घर में हवा साफ है तो आपका पूरा श्वसन तंत्र ठीक से काम कर सकेगा. हवा को पराग और धूल मुक्त होना चाहिए और कोई मोल्ड या धूल मिट्टी भी नहीं होनी चाहिए. आपको अपने एसी को समय-समय पर साफ करना होगा. समय-समय पर एसी में मौजूद धूल के कणों को साफ करें. साप्ताहिक आधार पर अपने घर को वैक्यूम भी करें.


बीमार लोगों से दूर रहें- आपको ऐसे लोगों के संपर्क में आने से बचना होगा जो बीमार हैं. साबुन और पानी की मदद से अपने हाथों को बार-बार धोएं.


हाइड्रेटेड रहें: हाइड्रेटेड रहने के लिए आपको अपने पर्याप्त पानी पीना चाहिए और अपने गले को बिल्कुल भी सूखा न रहने दें. डिहाइड्रेश से बचने के लिए आपको शराब और कैफीन में भी कटौती करनी होगी.


अच्छी नींद लें- अच्छी नींद लेने से आपके इम्यून सिस्टम को ऊर्जा मिलेगी. कम से कम 8 घंटे की नींद लें. इसके अलावा, आपको तनाव से भी बचना होगा.


तेज धुएं और सुगंध से बचें: आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप कैमिकल्स, सिगरेट धूम्रपान या तेज खूशबू के संपर्क में न आएं. क्योंकि ऐसा करने से आपकी साइनसाइटिस समस्या और खराब हो सकती है.  उन कारकों से बचें जो एलर्जी को आमंत्रित करते हैं.


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