Liver Cancer: लिवर कैंसर बेहद खतरनाक और जानलेवा बीमारी है. यह पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा रहा है. भारत में भी इसके काफी केस देखने को मिल रहे हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, भारत में लिवर कैंसर के मामलों का पुरुषों और महिलाओं में अनुपात 4:1 है।  1 लाख पुरुषों में से 0.7 से 7.5 प्रतिशत पुरुषों को इस कैंसर का रिस्क रहता है, जबकि महिलाओं में एक लाख पर रिस्क 0.2 से 2.2 प्रतिशत है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, लिवर कैंसर की वजह से होने वाली वाली मौत चिंता का विषय हैं. लिवर कैंसर से पीड़ित करीब 78% मरीजों की मौत 5 साल के अंदर हो जाती है. देश में यह लीवर तेजी से फैल रहा है.  पंजाब, हरियाणा और उत्तर-पश्चिम राज्यों में इस कैंसर के सबसे ज्यादा केस रिपोर्ट किए जा रहे हैं.

 

लिवर कैंसर के कारण

एक्सपर्ट्स का कहना है कि लिवर कैंसर की एक नहीं कई वजह है. इनमें हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B) और हेपेटाइटिस सी जैसे वायरल इंफेक्शन भी हैं, जो लिवर कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं. इसके अलावा लिवर सिरोसिस (Liver Cirrhosis), स्मोकिंग, ज्यादा शराब पीना, मोटापा और डायबिटीज भी लिवर कैंसर का कारण मानते जाते हैं. खेती में इस्तेमाल होने वाले हानिकारक केमिकल्स के संपर्क में आने से भी लिवर कैंसर हो सकता है.

 

लिवर कैंसर के लक्षण

लिवर कैंसर के लक्षणों में पेट फूलने, पेट में दर्द, उल्टी और थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं. लीवर कैंसर गंभीर होने पर स्किन का रंग बदल जाता है. उसमें पीलापन आ जाता है. आंखें भी पीली दिखने लगती है.  खुजली की समस्याएं होती हैं और वजन तेजी से कम होने लगता है. ऐसे लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से मिलकर जांच करवानी चाहिए.

 

लिवर कैंसर से बचाव कैसे करें

1.  शराब-सिगरेट तुरंत छोड़ दें

2. मोटापा कम करें

3. डायबिटीज मरीज ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रखें

4. हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन जरूर लगवाएं

5. लिवर सिरोसिस जैसी बीमारियों में नियमित स्क्रीनिंग करवाते रहें.

 

लिवर कैंसर का इलाज

लिवर कैंसर में सर्जरी करवाना पड़ता है. वहीं, सिरोसिस जैसे गंभीर मामलों में लिवर ट्रांसप्लांटेशन की जरूरत पड़ सकती है. लोकली एंडवांस कैंसर के केस में इंस्ट्रा-आर्टिअल थेरेपी की मदद ली जाती है. वहीं, मेटास्टेटिक कैंसर में इम्यूनोथेरेपी और एंटी-एंजियोजेनिक थेरेपी काम आती है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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