(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Health Tips: इन 5 न्यूट्रिएंट्स में छुपा है आपके दिल की सेहत का राज़, रोज़ाना खाने से होगा फायदा
दिल की सेहत कोलेस्ट्रॉल के संतुलन पर निर्भर करती है. कोलेस्ट्रॉल को संतुलन को बनाए रखने के लिए आपके शरीर को कुछ ज़रूरी न्यूट्रिएंट्स का सहारा लेना पड़ता है और आज हम आपको ऐसे ही कुछ न्यूट्रिएंट्स के बारे में बताएंगे जो आपके कोलेस्ट्रॉल को संतुलित बनाए रखने और आपके हार्ट हेल्थ के लिए बेहद सहायक हैं.
Health Tips: आज के वक़्त में दिल से जुड़ी बीमारियाँ बहुत सामने आ रही हैं. जवान से लेकर बुज़ुर्ग तक हर कोई इसकी चपेट में है. इसलिए ये ज़रूरी हो जाता है कि आप स्वस्थ आहार लें. एक स्वस्थ और अच्छा खाना शरीर में हृदय रोगों के विकास के जोखिम को कम करता है. इसके अलावा पोषक तत्वों से भरपूर फल और सब्जियों का सही मात्रा में सेवन करना आपके दिल की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है. साथ ही कम फैट वाले खाद्य पदार्थ का संतुलन भी दिल को स्वस्थ रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. दरअसल आपकी दिल की सेहत कोलेस्ट्रॉल के संतुलन पर निर्भर करती है. जिसमें उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एचडीएल) और कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल) खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं. इन दोनों में संतुलन को बनाए रखने के लिए आपके शरीर को कुछ ज़रूरी न्यूट्रिएंट्स का सहारा लेना पड़ता है और आज हम आपको ऐसे ही कुछ न्यूट्रिएंट्स के बारे में बताएंगे जो आपके कोलेस्ट्रॉल को संतुलित बनाए रखने और आपके हार्ट हेल्थ के लिए बेहद सहायक हैं.
कैल्शियम और ज़िंक यह ऑक्सीडेटिव तनाव से निपटने की हृदय की क्षमता को प्रभावित करता है. ज़िंक की मात्रा मांस, शंख, फलियां, बीज, नट, डेयरी, अंडे और साबुत अनाज में ज़्यादा पाई जाती है. यह हृदय की विद्युत गतिविधि और पम्पिंग फंक्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. वहीं कैल्शियम के कण हृदय की मांसपेशियों की कोशिकाओं में प्रवेश करने के लिए जाने जाते हैं और विद्युत संकेतों में योगदान करते हैं जो दिल के द्वारा किये जाने वाले काम को नियमित लरते हैं. कैल्शियम युक्त भोजन जैसे पनीर, दही, दूध, सोयाबीन, टोफू, नट्स, दूध की ब्रेड और मछली का सेवन करना चाहिए. क्वेरसेटिन क्वेरसेटिन फल और सब्जियों में मौजूद फ्लेवोनॉयड या पौधे को रंग देने का काम करते हैं. हृदय रोगों पर इसका एंटीऑक्सिडेंट प्रभाव होता है. यह बहाने वाली रक्त कोशिकाओं के स्वास्थ्य को और रक्त प्रवाह को सही से चलाने वाली धमनियों में सुधार करता है. क्वेरसेटिन लाल और सफेद प्याज, चेरी, लाल सेब, लाल अंगूर, ब्रोकोली और काली चाय में पाया जाता है. एन-एसिथाइलसिस्टीन यह हृदय में ऊतकों को होने वाली ऑक्सीडेटिव क्षति को कम करता है. यह नाइट्रिक ऑक्साइड उत्पादन भी बढ़ाता है जो नसों को रक्त प्रवाह को पतला और बेहतर बनाने में मददगार है. एन-एसिटाइलसिस्टीन चिकन, टर्की, दही, पनीर, अंडे, फलियां और सूरजमुखी के बीज में पाए जाते हैं. विटामिन 'के' यह ब्लड वेसल्स के कैल्सीफिकेशन को रोकता है और प्रोटीन को सक्रिय करता है. विटामिन 'के' शलजम, कोलार्ड्स, सरसों के हरे पत्ते, अजमोद, ब्रुसेल्स, स्प्राउट्स, ब्रोकोली, फूलगोभी, पत्ता गोभी, मछली के जिगर, मांस, अंडे, कीवी, एवोकैडो, ब्लैकबेरी और अनार में पाया जाता है. इसे खाना शरीर में कोलेस्ट्रॉल के संतुलन को बेहतर बनाए रखने के लिए ज़रूरी है. मोनो अनसेचुरेडेट फैट मोनो अनसेचुरेडेट फैट एमयूएफए (MUAFA) के रूप में भी जाना जाता है, जो दिल के लिए अच्छा होता है. मोनोअनसैचुरेटेड फैट एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करने और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने के लिए जाना जाता है. ये आपकी कोशिकाओं के विकास और रखरखाव में मदद करता है. खाना पकाने के तेल में, जैतून का तेल, कैनोला तेल, मूंगफली का तेल, कुसुम तेल और तिल का तेल मोनोअनसैचुरेटेड फैट के अच्छे स्रोत हैं. अन्य स्रोतों में बादाम, मूंगफली, अखरोट और एवोकाडो जैसे नट्स शामिल हैं. ये नट्स स्वस्थ तेलों के अलावा अन्य पोषक तत्व भी प्रदान करते हैं जो दिल के लिए बहुत फायदेमंद हैं. इन सबके अलवा एमिनो एसिड धमनियों के सख्त होने से जुड़ा हुआ है, जो कोरोनरी धमनी रोगों का मुख्य कारण है. एक शोध के मुताबिक, विटामिन-बी होमोसिस्टीन और फोलिक एसिड के स्तर को कम करता है और धमनियों की दीवारों को मोटा होने से बचाता है. क्लिनिकल न्यूट्रीशन की पत्रिका में एक मेटा-विश्लेषण से पता चलता है कि, एमिनो एसिड के स्तर को कम करना स्ट्रोक के जोखिम को 12% कम करता है. इसलिए साग, पालक, पुदीना, चने और सोया जैसे विटामिन-बी के अच्छे स्रोत को खाने में जरूर शामिल करें.Chanakya Niti: जीवन में सफलता हासिल करनी है तो चाणक्य की इन बातों को अच्छे ढंग से समझ लें
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