(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Monkeypox: भारत में आया मंकीपॉक्स तो कितना होगा असर, जानें इसकी एंट्री पर कैसे लग सकती है रोक
ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित होने के बाद मंकीपॉक्स का डर दुनिया में बढ़ गया है. भारत भी इसे लेकर अलर्ट है. हर किसी को सावधानी रखने की सलाह दी जा रही है. कुछ बातों का ध्यान रखकर इसे रोका जा सकता है.
Monkeypox in India : दुनियाभर में मंकीपॉक्स को लेकर चिंता बढ़ गई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस बीमारी को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है. अफ्रीका और स्वीडन के अलावा भारत पर भी इसका खतरा मंडरा रहा है. स्वास्थ्य विभाग की टीम अलर्ट पर है.
ऐसे में सवाल उठता है कि अगर भारत में यह वायरस फैला तो कितना खतरनाक हो सकता है, क्या कोरोना की तरह इससे भी तबाही मच सकती है, चिकनपॉक्स और स्मॉलपॉक्स जैसी बीमारियों से लड़ चुका भारत क्या मंकीपॉक्स को भी हरा देगा. जानिए इन सवालों का जवाब...
भारत में मंकीपॉक्स का कितना असर होगा
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अभी तक भारत में मंकीपॉक्स (Monkeypox) को लेकर कोई खतरा नहीं है लेकिन जब यह बीमारी ग्लोबल इमरजेंसी घोषित हो गई है तो इसका मतलब अलर्ट रहने की है. अभी तक मंकीपॉक्स केवल मध्य अफ्रीका में है. हालांकि इसी साल इसके केस दक्षिण अफ्रीका के बाहर भी देखने को मिले हैं.
मंकीपॉक्स कैसे फैलता है.
मंकीपॉक्स का वायरस कहीं भी फैल सकता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह बीमारी सेक्सुअली ज्यादा ट्रांसमिट हो रही है. यह एक से दूसरे व्यक्ति में फैलती है, ऐसे में लापरवाही से बचना चाहिए. भारत में इस बीमारी का कितना असर होगा, इसे लेकर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है.
मंकीपॉक्स के क्या लक्षण हैं
1. दाने, फुंसी, फफोले या रैश पड़ना, इनमें दर्द और मवाद भरना
2. बुखार, ठंड लगना
3. सिरदर्द, पीठ दर्द, गले में दर्द और खराबी
4. लिम्फ नोड में सूजन
5. मांसपेशियों में खिंचाव
क्या मंकीपॉक्स जानलेवा है
अभी तक की रिपोर्ट के अनुसार, मंकीपॉक्स का क्लेड वन वेरिएंट जो अभी मध्य अफ्रीका में फैला है, इससे पहले आए क्लेड 2 स्ट्रेन से ज्यादा खतरनाक है. यही कारण है कि वहां इसके केस भी आए हैं और मौतें भी हो रही हैं. इस बीमारी से डेथ रेट 11% है.
मंकीपॉक्स को लेकर गाइडलाइंस
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने हाल ही में मंकीपॉक्स की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की. बैठक में ये निर्णय लिया गया कि ज्यादा सावधानी बरतने के लिए कुछ उपाय किए जाएं. जैसे कि सभी एयरपोर्ट, सीपोर्टस, और ग्राउंड क्रॉसिंग पर हेल्थ फैसिलिटीज को संवेदनशील बनाना. परीक्षण प्रयोगशालाओं (कुल 32) को तैयार करना, किसी भी मामले का पता लगाने, उसे अलग करने और उसका प्रबंधन करने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को तैयार करने का निर्णय लिया गया.
भारत में मंकीपॉक्स की स्थिति
2022 में भारत में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया था. मिडिल ईस्ट से आया एक 35 वर्षीय व्यक्ति भारत में इस संक्रामक वायरस का पहला मामला था. 2022 से अब तक विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 116 देशों में मंकीपॉक्स के 99,176 मामले और 208 मौतें होने की सूचना दी है. 2022 में WHO की घोषणा के बाद से भारत में कुल 30 मामले सामने आए हैं.
भारत में मंकीपॉक्स का ताजा मामला मार्च 2024 में सामने आया था. मंकीपॉक्स के करेंट आउटब्रेक के दौरान डब्ल्यूएचओ ने इसे वैश्विक चिंता का विषय घोषित किया था, भारत में इसका कोई मामला नहीं पाया गया है.
भारत में मंकीपॉक्स को कैसे रोक सकते हैं
डॉक्टर्स के मुताबकि, चूंकि अभी यह वायरस मध्य अफ्रीका और उसके आसपास ही है, ऐसे में भारत में बॉर्डर के क्षेत्रों में निगरानी और स्क्रीनिंग शुरू करनी चाहिए. अगर कोई प्रभावित देशों से आ रहा है तो उसकी जांच होनी चाहिए, ताकि भारत में यह संक्रमण न पहुंच पाए. साफ-सफाई का ध्यान रख और सावधानी बरतकर इस बीमारी को रोक सकते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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