Health Report : बीमारियों की सही पहचान न होने के कारण हर साल 10 लाख से ज्यादा मौतें हो रही हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि यह समस्या दुनियाभर में मिल रही है. एक अनुमान के मुताबिक, अकेले अमेरिका में ही हर साल बीमारियों के गलत पहचान के चलते 7.95 लाख से ज्यादा लोगों की जान जा रही है. कुछ लोग तो अपना कोई न कोई अंग भी गंवा दे रहे हैं. कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों का पता न चल पाना इसका एक कारण है. डॉक्टर के मुताबिक, गलत तरीके से पहचान की जाने वाली बीमारियों में सबसे ऊपर नंबर आता है स्ट्रोक का. यह काफी जानलेवा है. हर 4 में से 3 में हार्ट अटैक, इंफेक्शन और कैंसर जैसी समस्याओं का खतरा पाया जा रहा है.
बीमारियों की गलत पहचान और इलाज खतरनाक
किसी बीमारी की सही पहचान न हो पाना समस्या का कारण बन सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की एक टीम ने स्टडी में पाया कि 11% चिकित्सा समस्याएं गलत निदान की वजह से होती हैं. हालांकि, अलग-अलग बीमारियों के आधार पर यह काफी ज्यादा भी हो सकती है. इस स्टडी में पाया गया का हार्ट अटैक की गलत पहचान सिर्फ 1.5% है। हालांकि रीढ़ की हड्डी की समस्या का जोखिम 62% तक हो सकता है.
क्या कहती है स्टडी
BMJ Quality and Safety Journal में पब्लिश इस रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, मरीज और डॉक्टर दोनों के लिए यह महत्वपूर्ण है. सेंटर फॉर डायग्नोस्टिक एक्सीलेंस के डायरेक्टर और रिसर्चर डेविड न्यूमैन टोकर का कहना है कि स्ट्रोक, सेप्सिस, निमोनिया और लंग्स कैंसर का पता न चल पाने जैसी गलती 50% तक कम कर लिया जाए तो हर साल 1.5 लाख तक मौतें कम हो सकती हैं.
हेल्थ एक्सपर्ट का क्या कहना है
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, स्ट्रोक के मरीजों में समय रहते समस्या की पहचान न हो पाना सबसे ज्यादा देखने को मिलता है, जो जानलेवा भी है. यह किसी एक देश नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए बड़ी समस्या है. इसलिए मरीजों के गंभीर लक्षण को गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है.
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