Scary Dreams Reason : रात में सोने के वक्त कुछ लोगों को डरावने या बुरे सपने आते हैं. जिसे नाइटमेयर्स भी कहते हैं. कई बार इसके चलते नींद टूट जाती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस तरह के सपने आते क्यों हैं. क्या दिमाग से इसका कोई संबंध है या फिर बुरे सपने यूं ही आ जाते हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि हम दिनभर जो कुछ भी सोचते हैं या हमारे आसपास जो भी घटित होता है, वे सपने में दिखाई देते हैं. मतलब सपने ब्रेन की एक्टिविटी का एक हिस्सा है. जिसमें इमोशंस और यादों का कंसॉलिडेशन होता है. यानी यह मस्तिष्क की सामान्य प्रक्रिया है. आइए जानते हैं डरावने सपने आने का क्या कारण (Scary Dreams Reason) होता है...

 

क्यों आते हैं डरावने सपने

साइंटिस्ट के अनुसार, डरावने या बुरे सपने आने का कारण अभी भी एक रहस्य है. अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है इनके आने का क्या कारण है, लेकिन मस्तिष्क पर हुए स्टडीज में कई ऐसी चीजों का पता चला है जो डरावने सपनों का कारण बन सकती है. दिमागी टेंशन भी इस तरह के सपने का कारण हो सकती है. स्कूल या काम के बारे में ज्यादा चिंता करने वालों में दूसरों के मुकाबले ज्यादा डरावने सपने आने की प्रॉब्लम देखी गई है। इन्हें जीवन में कई बड़े परिवर्तन, किसी अपने की मौत जैसे बुरे सपने आ सकते हैं.

 

बुरे सपनों से रैपिड आई मूवमेंट स्लीप का संबंध

रैपिड आई मूवमेंट (REM), नींद का एक फेज है, जो तेजी से आंखों की मूमेंट, दिल की धड़कनों में अनियमितता और सांसों को बढ़ाने का कारण हो सकती है. हार्वर्ड के रिसर्चर ने बताया कि बुरे सपने तब आते हैं जब REM की अवधि लंबी होती है. इसके कई और भी कारण हो सकते हैं. तनाव, चिंता, अनियमित नींद, दवाईयों का सेवन, मेंटल डिसऑर्डर भी डरावने सपने का कारण हो सकते हैं. पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) को भी इसका कारण पाया गया है.

 

PTSD से बढ़ सकता है रिस्क

शारीरिक शोषण, यौन शोषण या किसी एक्सीडेंट के बाद बुरे सपने आना काफी नॉर्मल है. PTSD वाले लोगों में इसका रिस्क ज्यादा देखा गया है. यह मेंटल हेल्थ पर भी डिपेंड करता है. बाइपोलर डिसऑर्डर , डिप्रेशन या सिजोफ्रेनिया जैसी समस्याओं से जूझ रहे लोगों में बुरे सपने आने की आशंका ज्यादा रहती है. तनाव कम करने वाली तकनीकों और थेरपी से बुरे सपनों का रिस्क कम हो सकता है.

 

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