Nipah Virus: कितने दिन में ठीक हो जाता है निपाह वायरस का मरीज? जानें कैसे होता है इसका इलाज
निपाह वायरस का संक्रमण होने पर इसके लक्षण 4 से 14 दिनों के अंदर दिखने लगते हैं लेकिन कई बार मामला 45 दिनों तक भी चला जाता है, जो काफी घातक हो सकता है. कई बार तो इसके लक्षण नजर भी नहीं आते हैं.
Nipah Virus : निपाह वायरस की वजह से केरल के मलप्पुरम जिले में लॉकडाउन जैसे प्रतिबंध लागू कर दिए गए हैं. सरकार का यह कदम निपाह वायरस (Nipah Virus) से दो मौत के बाद उठाया गया है. स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने जानकारी दी कि संक्रमित के संपर्क में आने वाले 126 लोग आइसोलेट हैं.
WHO के अनुसार, निपाह जूनोटिक वायरस है, जो जानवरों से इंसानों में फैलता है. कई बार खाने-पीने से इंसानों में फैल सकता है. ऐसे में जानिए निपाह वायरस कितना खतरनाक है और इसकी चपेट में आने के कितने दिन बाद इंसान ठीक हो सकता है, उसका इलाज कैसे चलता है...
निपाह वायरस कितना खतरनाक
निपाह वायरस का संक्रमण होने पर इसके लक्षण 4 से 14 दिनों के अंदर दिखने लगते हैं लेकिन कई बार मामला 45 दिनों तक भी चला जाता है, जो काफी घातक हो सकता है. निपाह वायरस की चपेट में आने पर पहले बुखार और सिरदर्द होता है, फिर खांसी और सांस लेने में दिक्कत जैसी रेस्पिरेटरी समस्याएं होने लगती हैं. गंभीर मामलों में ब्रेन इन्फेक्शन भी हो सकता है. इससे सिर में सूजन यानी एन्सेफलाइटिस भी हो सकता है, जो खतरनाक होता है. कुछ मामलों में निपाह वायरस से संक्रमित में लक्षण भी नहीं दिखाई देते हैं.
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निपाह वायरस से कैसे बचें
1. पेड़ से गिरा या आधा या जूठे फल न खाएं, न छूएं.
2. बीमार जानवरों खासकर सूअरों के संपर्क में न आएं.
3. साफ-सफाई रखें, खासकर हाथ बार-बार धोएं.
4. संक्रमित जानवरों या लोगों के आसपास हैं तो सही कपड़े पहनें.
5. संक्रमित को आइसोलेट रखें.
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निपाह वायरस का इलाज कैसे और कितने दिन तक चलता है
निपाह वायरस के इलाज के लिए अभी तक कोई एंटीवायरल दवा उपलब्ध नहीं हैं. अभी तक इस वायरस के लिए कोई वैक्सीन भी नहीं बनी है. इसके ट्रीटमेंट में सिर्फ लक्षणों को कम करने की कोशिश डॉक्टर करते हैं. जब तक लक्षण कंट्रोल नहीं होते, इलाज चलता रहता है. इसके अलावा मरीज की सही तरह देखभाल बेहद जरूरी है. दिन में कम से कम 7-8 गिलास पानी पीना चाहिए. मरीज को भरपूर आराम की जरूरत होती है. मतली या उल्टी को कंट्रोल करने वाली दवाईयों को समय पर लेना चाहिए. सांस लेने में दिक्कत आए तो इन्हेलर या नेब्युलाइजर का इस्तेमाल करें. मरीज को दौरे पड़ने पर डॉक्टर एंटीकॉन्वल्जेंट्स देते हैं. निपाह वायरस के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी ट्रीटमेंट भी डॉक्टर कर सकते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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