Fatty Liver: फैटी लिवर एक ऐसी बीमारी है, जो देश में तेजी से बढ़ रही है. हर साल इसके मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. शहरी इलाकों में ये समस्या गंभीर होती जा रही है. वहां कम उम्र में भी लोग इसका शिकार बन रहे हैं. कुछ मामलों में इस बीमारी से लिवर सिरोसिस भी हुआ है. लंबे समय बाद लिवर फेल तक हो जा रहा है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, फैटी लिवर (Fatty Liver) का सबसे बड़ा कारण शराब पीना, स्ट्रीट फ़ूड और फास्ट फूड खाना है लेकिन चिंता इस बात की है कि शराब नहीं पीने वालों में फैटी लिवर की बीमारी हो रही है. जिसे नॉन-एल्कोहलिक फैटी लिवर कहा जाता है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर शराब न पीने वालों को ये बीमारी कैसे हो जा रही है...
शराब न पीने वालों को क्यों हो रही फैटी लिवर बीमारी
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, शराब न पीने वालों में नॉन- एल्कोहलिक फैटी लिवर का कारण खराब लाइफस्टाइल, समय पर भोजन न करना और फास्ट फूड खाना है. आजकल 20 से 30 साल की उम्र में भी यह बीमारी हो रही है. WHO की रिपोर्ट के अनुसार, करीब 25% आबादी को नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर की प्रॉब्लम है. अकेले अमेरिका में ही करीब 100 मिलियन लोग इस बीमारी की चपेट में हैं. भारत में भी हर साल इसके मरीजों में इजाफा हो रहा है, इसका कारण फास्ट फूड का बढ़ता ट्रेंड और एक्सरसाइज न करना है.
एक्सपर्ट्स का क्या कहना है
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, फैटी लिवर बीमारी का शुरुआती कोई लक्षण नजर नहीं आता है. कुछ मामलों में थकान, पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द महसूस होता है. लेकिन इस बीमारी के गंभीर होने पर खुजली, पैरों में दर्द और सूजन की समस्या हो सकती है. इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. क्योंकि ये लिवर की गंभीर बीमारी लिवर सिरोसिस के भी संकेत हो सकते हैं, जिससे कुछ समय बाद लिवर फेल हो सकता है.
फैटी लिवर से बचने क्या करें
खाने में नमक कम करें.
चीनी और मैदा का सेवन कम से कम करें.
फास्ट फूड से दूरी बनाएं.
लाइफस्टाइल अच्छा रखें.
दिन में कम से कम 15 मिनट एक्सरसाइज करें.
शरीर में पानी कम न होने दें.
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