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ALERT! प्लास्टिक बॉटल में पीते हैं पानी तो हो जाएं सावधान ! हो सकता है 'जानलेवा' बीमारियों का खतरा
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के मुताबिक, देश में हर साल 35 लाख टन प्लास्टिक कचरा पैदा हो रहा है. पिछले 5 साल में ही प्रति व्यक्ति प्लास्टिक कचरा उत्पादन करीब-करीब दोगुना हो गया है.
Plastic Water Bottle Side Effects : आजकल कहीं भी जाते समय प्लास्टिक की बॉटल का पानी खूब यूज हो रहा है. लोग धड़ल्ले से मार्केट से पानी खरीदकर पी रहे है, जो सेहत के लिए बेहद खतरनाक (Plastic Water Bottle Side Effects) है. चूंकि प्लास्टिक पर्यावरण और स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है. ऐसे में पानी की जिस बॉटल में हम और आप पानी पी रहे हैं, वो शरीर को लिए हार्मफुल माना जाता है. दरअसल, हर तरह के प्लास्टिक में खतरनाक केमिकल और बैक्टीरिया होते हैं. जब हम इन बोतरों का इस्तेमाल करते हैं तो ये हमारे शरीर में प्रवेश कर जाता हैं और कई गंभीर बीमारियां पैदा कर सकते हैं. आइए जानते हैं प्लास्टिक वॉटर बॉटल के इस्तेमाल के गंभीर परिणाम...
प्लास्टिक बॉटल क्यों नुकसानदायक
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्लास्टिक कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन और क्लोराइड से बना होता है. इनमें से बीपीए प्लास्टिक की पानी की बोतलें बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सबसे हानिकारक केमिकल्स में से एक है. जब पानी को लंबे समय तक हाई टेंपरेचर पर रखा जाता है तो इसका लेवल कई गुना तक बढ़ जाता है, जिससे सेहत को गंभीर नुकसान हो सकता है.
प्लास्टिक बॉटल में पानी पीने के नुकसान
हार्ट की बीमारियां और डायबिटीज का जोखिम
हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के एक अध्ययन में पाया गया है कि पॉली कार्बोनेट की बोतलों से पानी पीने वालों के यूरिन में पॉली कार्बोनेट प्लास्टिक बनाने में इस्तेमाल होने वाला केमिकल बिस्फेनॉल ए पाया गया है. जब इसकी मात्रा ज्यादा हो जाती है तो इससे हार्ट डिजीज और डायबिटीज का खतरा कई गुना तक बढ़ जाता है.
बांझपन, लिवर की बीमारियों का खतरा
प्लास्टिक बोतल के इस्तेमाल को लेकर एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्लास्टिक की पानी की बोतल जब गर्मी के संपर्क में आता है तो पानी में माइक्रो प्लास्टिकछोड़ने लगता है. ये सूक्ष्म प्लास्टिक कण शरीर में कई तरह की समस्याओं को जन्म दे सकते हैं. इसकी ज्यादा मात्रा हार्मोन असंतुलन, बांझपन और लिवर से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकते हैं.
कम हो सकता है स्पर्म काउंट
अगर प्लास्टिक की बोतल लंबे समय तक रखते हैं और इसका इस्तेमाल करते रहते हैं तो यह कई तरह की हार्मोनल गड़बड़ी जैसी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर लंबे समय तक प्लास्टिक बोतल का इस्तेमाल कर रहे हैं तो पुरुषों में स्पर्म काउंट कम हो सकता है. वहीं, लड़कियों में जल्दी यौवन की संभावना रहती है. बोलतबंद पानी के इस्तेमाल से लिवर और ब्रेस्ट कैंसर की आशंका भी ज्यादा होती है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
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