Malnutrition : दुनियाभर में कुपोषण गंभीर समस्या बनती जा रही है. बड़ी संख्या में बच्चे और वयस्क इसकी चपेट में आते हैं. संयुक्त राष्ट्र की हालिया रिपोर्ट में जारी कुपोषण के आंकड़ें भारत में कुपोषण पिछले 15 सालों में सुधरा है. देश में 2019-21 में कुपोषित लोगों की संख्या कम होकर 22.43 करोड़ तक आ गई थी, जो 2004-06 में 24.7 करोड़ थी. आंकड़े भले ही सुधर गए हों लेकिन इस बीमारी को लेकर स्थिति अभी भी काफी गंभीर है। इसकी वजह से कई दिक्कतें होती हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं कुपोषण के बारें में...
कुपोषण क्या है
कुपोषण एक ऐसी कंडीशन है, जब शरीर को आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिलते हैं. यह कई वजहों से हो सकता है, जैसे- अनहेल्दी डाइट, गरीबी और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी. इस समस्या की चपेट में दुनियाभर में लाखों लोग हैं. यह कई समस्याओं को जन्म दे सकती है.
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कुपोषण से बच्चों में क्या समस्याएं
कुपोषण की वजह से बच्चों का शारीरिक विकास प्रभावित होता है. वे बौना, कम वजन या मोटापे जैसी समस्याओं से शिकार हो जाते हैं. कुपोषण से संक्रमण का रिस्क भी बढ़ता है. गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक खानपान ही रखना चाहिए.
कुपोषण की वजह से होने वाली दिक्कतें
1. कमजोर इम्यून सिस्टम
कुपोषण से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यून सिस्ट कमजोर हो जाती है, जिससे व्यक्ति बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है और शरीर जल्दी किसी बीमारी की चपेट में आ सकता है.
2. ग्रोथ रूक जाना
कुपोषित बच्चों का विकास धीमा हो जाता है, जिससे उनकी शारीरिक और मानसिक क्षमता प्रभावित होती है. इसका असर उनकी ओवरऑल ग्रोथ पर पड़ती है, जो बाद में चलकर कई समस्याओं का कारण बन सकती है.
3. बीमारियों का खतरा
कुपोषण से व्यक्ति को कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे लोगों को हार्ट डिजीज, डायबिटीज और यहां तक की कैंसर तक का खतरा रहता है. ऐसे में लापरवाही से बचना चाहिए और सही खानपान पर ध्यान देना चाहिए.
4. मानसिक समस्याएं
कुपोषण से मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. शरीर कमजोर होने का असर दिमाग पर दिखने लगता है. इससे डिप्रेशन और स्ट्रेस बढ़ सकता है, जो कई समस्याओं का कारण हैं. ऐसे में जागरूक रहना चाहिए.
5. मौत का खतरा
कुपोषण की वजह से मौत भी हो सकती है, यह खतरा छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को ज्यादा होता है. कुपोषित बच्चों को सही समय पर डॉक्टर को दिखाना चाहिए और उनकी बताई डाइट और दवाईयां लेनी चाहिए.
कुपोषण रोकने के उपाय
स्वस्थ आहार लेने से कुपोषण को रोका जा सकता है.
पोषक तत्वों को बढ़ाकर कुपोषण को रोका जा सकता है.
स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाने से कुपोषण कंट्रोल कर सकते हैं.
जागरूकता बढ़ाने से कुपोषण की समस्या दूर हो सकती है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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