Red Meat Side Effects : रेड मीट खाने वाले सावधान हो जाएं. प्रोसेस्‍ड रेड मीट से बने बर्गर, पिज्‍जा या सैंडविच खाना खतरनाक है. हाल ही में एक रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. इसमें बताया गया है कि रेड मीट खाने से भूलने की बीमारी डिमेंशिया (Dementia) हो सकता है.अल्‍जाइमर एसोसिएशन इंटरनेशनल कॉन्‍फ्रेंस की इस रिसर्च में बताया गया कि ज्यादा प्रोसेस्‍ड रेड मीट खाने वालों में डेमेंशिया का खतरा काफी ज्यादा है. जानिए रेड मीट और डिमेंशिया में क्या संबंध है...




रेड मीट खाने से डिमेंशिया क्यों हो रहा है




एक्सपर्ट्स के मुताबिक, प्रोसेस्ड रेड मीट और डेमेंशिया के बीच संबंध हो सकता है. सॉस और बेकन जैसी चीजों में फैट और कोलेस्ट्रॉल काफी ज्यादा होता है, जिसे ज्यादा खाया जाए तो धमनियों में कोलेस्ट्रॉल के प्लाक जमा होने का खतरा रहता है. इससे धमनियों का संकुचन यानी एथेरोस्क्लेरोसिस हो सकता है और दिमाग में ब्लड की सप्लाई प्रभावित हो सकती है. इससे ब्रेन के सेल्स को ऑक्सीजन और पर्याप्त मात्रा में न्‍यूट्रिशन नहीं मिल पाता है, जिससे डिमेंशिया का खतरा बढ़ सकता है.




रेड मीट खाने से डिमेंशिया का खतरा कितना ज्यादा




इस रिसर्च में 130,000 से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया. जिसमें पाया गया कि रोजाना प्रोसेस्ड मीट खाने वालों में डिमेंशिया का खतरा 14% ज्यादा था. वहीं हर दिन नट्स खाने वालों में इस बीमारी का जोखिम 20 प्रतिशत तक कम मिला.




रेड मीट से इन खतरनाक बीमारियां का भी रिस्क




रेड मीट खाने से हार्ट डिजीज, हाई ब्‍लड प्रेशर, कोरोनरी आर्टरी डिजीज और स्ट्रोक जैसी खतरनाक बीमारियां भी हो सकती है. इससे ब्‍लड वेन्‍स डैमेज भी हो सकते हैं और शरीर के कई हिस्सों में सूजन आ सकता है. क्रोनिक सूजन और ब्‍लड वेन्‍स में खराबी डिमेंशिया की वजह बन सकती है.


एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जब मांस को ग्रिलिंग, फ्राइंग या ब्रॉयलिंग जैसे मेथड से पकाते हैं तो हेटेरोसाइक्लिक एमाइन्स (HCAs) और पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन्स (PAHs) जैसे खतरनाक केमिकल्स बनने लगते हैं, जो दिमाग में ऑक्‍सीडेटिव स्‍ट्रेस और सूजन का कारण बन सकते हैं. इससे सेल्स डैममेज होती हैं और ब्रेन पर तेजी से एजिंग होने लगती है. जिससे न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों जैसे अल्जाइमर और डेमेंशिया का रिस्क बढ़ सकता है.




डिमेंशिया से कैसे बचें




 इस रिसर्च में बताया गया है कि प्रोसेस्ड रेड मीट की बजाय अगर रोजाना नट्स और फलिया खाईं जाएं तो डिमेंशिया का खतरा कम हो सकता है. इन दोनों में महत्वपूर्ण पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो ब्रेन की हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद करते हैं.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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