कब पड़ती है Bone Marrow Donation की जरूरत? सलमान खान बने ऐसा करने वाले पहले भारतीय, इसलिए उठाया कदम
एक्सपर्ट्स के मुताबिक बोन मैरो डोनेशन से ब्लड कैंसर या ब्लड डिसऑर्डर्स को ठीक किया जा सकता है. हालांकि, बोन मैरो लेने से पहले कुछ मेडिकल या हेल्थ कंडीशन भी देखी जाती हैं
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Bone Marrow Donation : बॉलीवुड एक्टर सलमान खान सबसे अलग, सबसे खास क्यों है उनकी एक दरियादिली ने यह बता दिया है. दबंग खान भारत के पहले ऐसे एक्टर हैं, जिन्होंने अपना बोन मैरो डोनेट कर दिया है. ऐसा उन्होंने एक बच्ची की जान बचाने के लिए किया है. उन्होंने साल 2010 में मैरो डोनर रजिस्ट्री इंडिया (MDRI) में रजिस्ट्रेशन कराया था और 10 साल की बच्ची की जान बचाई. आइए जानते हैं आखिर बोन मैरो डोनेशन (Bone Marrow Donation) क्या होता है, इसकी जरूरत कब पड़ती है...
बोन मैरो क्या होता है, इसका काम क्या है
हमारे शरीर की लंबी हड्डियों के खोखले सेंटर में मौजूद स्पंजी टिश्यू बोन मैरो (अस्थि मज्जा) कहलाता है. इसे ब्लड सेल्स 'फैक्ट्री' भी कहते हैं. इसका काम ब्लड सेल्स बनाना है. हेल्दी बोन मैरो ब्लड सेल्स के मैच्योर होने और आवश्यकता पड़ने पर बल् डस्ट्रीम में रिलीज करता है.
बोन मैरो डोनेशन क्यों किया जाता है
बोन मैरो डोनेशन को ही बोन मैरो हार्वेस्टिंग भी कहा जाता है. इसका इस्तेमाल डॉक्टर स्टेम सेल ट्रांसप्लाट (Bone Marrow Transplant) के लिए ब्लड बनाने वाली सेल्स पाने के लिए करते हैं. जब कोई अपना बोन मैरो डोनेट करता है तो डॉक्टर बड़ी खाली सुइयों का इस्तेमाल कर डोनर्स के कूल्हों (पेल्विक बोन) से बोन मैरो खींचते हैं.
क्या बोन मैरो डोनेशन के बाद कोई परेशानी आती है
कोई भी इंसान अपनी मर्जी से बोन मैरो दान कर सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बोन मैरो डोनेट करने का कोई साइड इफेक्ट या नुकसान नहीं है. इससे ब्लड कैंसर या ब्लड डिस ऑर्डर्स को ठीक किया जा सकता है. हालांकि, बोन मैरो लेने से पहले कुछ मेडिकल या हेल्थ कंडीशन भी देखी जाती हैं. इसके बाद ही बोन मैरो डोनेशन की प्रक्रिया पूरी होती है.
हर साल हजारों लोगों को ब्लड संबंधित डिसऑर्डर का पता चलता हैं और इन बीमारियों को बोन मैरो ट्रांसप्लांट से ठीक किया जा सकता है. हालांकि, सबसे बड़ी चुनौती मैचिंग बोन मैरो ढूंढने में होती है. ऐसे में कोई भी खुद को बोन मैरो डोनेशन के लिए रजिस्टर कर सकता है.
बोन मैरो की जरुरत क्यों पड़ती है
बोन मैरो हर दिन रेड ब्लडड सेल्स, व्हाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स जैसे 200 अरब से ज्यादा नई ब्लड सेल्स बनाता है. बोन मैरो ट्रांसप्लांट उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जिन्हें ब्लड डिसऑर्डर, अप्लास्टिक एनीमिया या ब्लड कैंसर जैसे नॉन-हॉजकिन लिंफोमा है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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