Samosa-French Fries Side Effects : क्या आप भी समोसे-पकौड़े या फ्रेंच फ्राइज बड़े ही चाव से खाते हैं. अगर हां तो सावधान हो जाइए. क्योंकि यह शौक  आपकी सेहत पर भारी (Samosa-French Fries Side Effects) पड़ सकता है. इससे मोटापा और दूसरी समस्याएं ही नहीं, बल्कि मानसिक हेल्थ भी बिगड़ सकता है. शोधकर्ताओं का मानना है कि डीप फ्राइड चीजें जैसे- आलू से बनी फ्रेंच फ्राइज, समोसे या पकौड़े खाने से स्ट्रेस-डिप्रेशन (Stress- Depression) का खतरा ज्यादा हो सकता है. कई स्टडी में तली हुई चीजों को गंभीर मानसिक स्थितियों से जोड़कर देखा गया है.

 

भूलकर भी न खाएं तली हुई चीजें

तली हुई चीजों को जितना हो सके, उतना खाने से बचना चाहिए. PNAS जर्नल में पब्लिश एक स्टडी में बताया गया है कि इसमें एक दशक से ज्यादा समय तक करीब डेढ़ लाख लोगों का डेटा कलेक्ट कर जो परिणाम पाया उसके मुताबिक, तली हुई चीजें खाने से चिंता जैसी समस्याओं का खतरा 12 प्रतिशत और डिप्रेशन का रिस्क 7 प्रतिशत ज्यादा पाया गया.

 

तली हुई चीजें क्यों हानिकारक

स्टडी में पाया गया है कि तली हुई चीजों में एक्रिलामाइड केमिकल पाया जाता है. यह मेंटल हेल्थ को नुकसान पहुंचाता है. जब किसी भी चीज को ज्यादा टेंपरेचर पर पकाया जाता है तो केमिकल रिलीज होता है. स्टडी में पाया गया है कि समय के साथ एक्रिलामाइड मस्तिष्क की सूजन को बढ़ा देता है. इससे व्यवहार में बदलाव होने लगता है और कई तरह की परेशानियां भी. शोधकर्ताओं ने पाया कि आलू और दूसरी चीजों को जब ज्यादा खस्ता और भूरा किया जाता है, तब एक्रिलामाइड बनता है. भुनी कॉफी बीन्स में यह मिलता है. इसलिए ऐसी चीजों का सेवन कम करना चाहिए.

 

शोधकर्ताओं का क्या कहना है

रिसर्चर के मुताबिक, एक्रिलामाइड न्यूरोटॉक्सिन के तौर पर काम करते हैं और दिमाग के किसी भी भाग में ऑक्सीडेटिव और इंफ्लामेटरी डैमेज की वजह बन सकती है.  कुछ रिसर्च में यह भी बताया गया है कि एक्रिलामाइड सेंट्रल और पेरिफेरल नर्वल सिस्टम में न्यूरोडीजेनेरेशन और न्यूरोट्रांसमिशन से जुड़ी समस्याओं को बढ़ाने के गुण होते हैं. अध्ययन में पाया गया है कि तली हुई चीजें ज्यादा खाने से स्ट्रेस-डिप्रेशन का जोखिम बढ़ जाता है. हालांकि, ऐसे लोग जिन्हें पहले से ही मानसिक समस्याएं हैं. उनपर इसका कैसा असर होता है, इस पर अभी शोध बाकी है. 

 

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

 

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