Amarnath Yatra : 1 जुलाई से अमरनाथ यात्रा की शुरुआत हो रही है. 60 दिनों से भी ज्यादा चलने वाली इस यात्रा में बड़ी संख्या में शिवभक्त बाबा बर्फानी के दर्शन करने जाते हैं. इसके लिए उन्हें रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है. इसी दौरान तीर्थयात्रियों का मेडिकल टेस्ट भी किया जाता है. इस टेस्ट में फिट रहने वाले ही यात्रा के लिए जा सकते हैं. हालांकि, यह भी जरूरी नहीं कि मेडिकल टेस्ट में फिट आने के बाद भी इतनी ऊंचाई पर जाकर किसी तरह की परेशानी नहीं होगी. कई बार ज्यादा ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी हो सकती है. ऐसे में सावधानी रखनी चाहिए. एक्सपर्ट का कहना है कि हार्ट के मरीजों को अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) नहीं जाना चाहिए. 

 

हार्ट के मरीजों को अमरनाथ यात्रा पर क्यों नहीं जाना चाहिए

 

1. हार्ट अटैक का खतरा

एक्सपर्ट के मुताबिक, पिछले दो सालों में हार्ट डिजीज में तेजी देखी गई है. कई हजार फीट ऊंचाई पर होने के चलते अमरनाथ यात्रा करने से शरीर में अचानक से परेशानी हो सकती है. उस इलाके में मौसम और हालात भी बिल्कुल अलग होते हैं. ऐसे में अगर हार्ट मरीज इस यात्रा पर जा रहे हैं तो उन्हें बीपी की समस्या हो सकती है. कई बार तो ऑक्सीजन लेवल कम होने पर हार्ट अटैक का खतरा भी रहता है.

 

2. ऑक्सीजन लेवल कम होना

हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, जब भी हम ज्यादा ऊंचाई वाली जगह जाते हैं तो बॉडी के ऑक्सीजन का लेवल कम हो सकता है. ऑक्सीजन कमी से हार्ट मसल्स ब्लड को सही तरह से पंप नहीं कर पाता है, या इसकी पंपिंग के लिए उसे ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. इससे शरीर में इन्फ्लेमेशन का खतरा रहता है. इसकी वजह से हार्ट की आर्टरीज पर प्रेशर भी पड़ता है. इससे हार्ट अटैक आ सकता है. इससे मौत का खतरा भी रहता है.

 

3. थकान और स्ट्रेस की प्रॉब्लम

डॉक्टर बताते हैं कि अमरनाथ यात्रा पर काफी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है. इसमें ज्यादा मेहनत लगने से शरीर का स्ट्रेस बढ़ सकता है. इसकी वजह से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है. ऐसे में हार्ट के मरीजों को परेशानी हो सकती है. इसलिए सलाह दी जाती है कि हार्ट पेशेंट जो दवाईयां खाते हैं, उन्हें इस यात्रा पर जाने से बचना चाहिए.

 

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

 

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