Soil on Injury : अक्सर आपने देखा होगा कि गांव-देहात में चोट लगने या घाव होने पर लोग झट से मिट्टी उठाकर उस पर लगा लेते हैं. उन्हें लगता है कि इससे घाव ठीक हो जाता है लेकिन ऐसा करना जानलेवा भी हो सकता है. खासकर गर्मी या बारिश के मौसम में ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि इस मौसम में हल्की सी चोट से बनने वाला घाव भी जानलेवा हो सकता है.


इसका तुरंत इलाज न करवाने पर सर्जरी की नौबत भी आ सकती है. डॉक्टरों का कहना है कि घाव पर मिट्टी लगाने या उस पर मिट्टी लगने से उसमें मौजूद बैक्टीरिया टिटनेस का कारण बन सकता है, इसलिए घाव को मिट्टी से बचाना चाहिए.


घाव पर मिट्टी लगाना चाहिए या नहीं ?
डॉक्टर के मुताबिक, घाव लगने पर मिट्‌टी डालने से बचना चाहिए. मिट्टी में टिटनेस बैक्टीरिया पाए जाते हैं, जो पोर्स की तरह मौजूद रहते रहते हैं और घाव पर पड़ते ही टिटनेट में बदल जाते हैं. डायबिटीज के मरीजों, बुजुर्गों और कमजोर इम्युनिटी वालों को इससे ज्यादा खतरा रहता है.


लापरवाही से बचें
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, घाव पर मिट्टी लगाने जैसी लापरवाही से सर्जरी करवाने की जरूरत पड़ सकती है. सर्जरी के दौरान जो स्किन खराब होगी, उसके साथ ही नॉर्मल स्किन को भी रिमूव करना पड़ता है. एंटी-बॉयोटिक्स रेजिस्टेंटस डेवलप होने वाले लोगों में ज्यादा दिक्कतें होती हैं. क्योंकि उनके बैक्टीरिया पर सामान्य एंटीबॉयोटिक्स का खास असर नहीं होता है. ज्यादा एंटीबॉयोटिक्स खाने से रेजिस्टेट्स विकसित हो जाता है, जिससे छोटी चोट या घाव पर भी बैक्टीरिया अटैक कर देता है और जख्म तेजी से बढ़ाता है. 


घाव बन सकता है जानलेवा
चोट और घाव का ज्यादा लाल, सूजन और दर्द इटिंग बैक्टीरिया की वजह से होता है. ये बैक्टीरिया एक मिलिमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चमड़ी के नीचे की मांसपेशियां खाते हैं, जिससे तेजी से इंफेक्शन बढ़ता है और घाव जल्दी ठीक नहीं होता है. गैस गैगरीन बैक्टीरिया भी बेहद खतरनाक होता है. ऐसे में अगर घाव को संभाला न जाए तो जानलेवा भी बन सकता है.


घाव को लेकर क्या करें


1. चोट लगने पर घाव वाली जगह को तुरंत साबुन से धोना चाहिए.
2. इस पर एंटीबॉयोटिक सॉल्यूशन लगाना चाहिए.
3. जितना जल्दी हो सके टिटनेस का इंजेक्शन लगवाएं, क्योंकि सिर्फ जंग लगे लोहे से चोट लगने पर ही टिटनेस नहीं होता है.
4. घाव को मिट्टी से बचाना चाहिए.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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