Paracetamol Tablets : सर्दी-बुखार जैसी बीमारियों में हम सभी आमतौर पर डॉक्टर के पास जाते हैं. उनकी दवाईयां खाकर टेंशन फ्री हो जाते हैं कि अब हम ठीक होने वाले हैं. हालांकि, आजकल कई दवाईयां क्वॉलिटी टेस्ट में फेल हो जाते हैं. हाल ही में सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) को 90 दवाएं क्वॉलिटी टेस्ट में फेल मिली हैं.

 

पिछले महीने कुछ कंपनियों की मेडिसिन को रैंडम सैंपलिंग कर टेस्टिंग की. जिसमें ये दवाईयां लैब टेस्ट में फेल मिलीं. हर महीने दवाईयों की क्वॉलिटी टेस्ट की जाती है. अगर कोई दवा टेस्ट में फेल होती है तो उनकी लिस्ट जारी की जाती है. पिछले महीने जिन कंपनियों की दवाईयां क्वॉलिटी टेस्ट में फेल मिलीं, उनमें पैरासिटामोल और पेन-डी जैसी दवाएं हैं. आइए जानते हैं आखिर इस तरह की दवाईयां क्वॉलिटी टेस्ट में फेल क्यों हो जाती हैं और इनका सेहत पर क्या असर पड़ता है...

 


 

दवाईयों की क्वॉलिटी टेस्ट कैसे होता है

दवाईयों की क्वॉलिटी चेक करने के लिए एक खास तरह का केमिकल टेस्ट किया जाता है. अगर किसी दवा के सैंपल में फॉर्मल्डिहाइड, मिथेनॉल जैसे हानिकारक केमिकल अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, तो वे टेस्ट में फेल मानी जाती हैं. कुछ दवाईयों में साल्ट की मात्रा सही हनीं होती हैं या उनके सैंपल को सही तरीके से स्टोर नहीं किया जाता है तो उनमें बैक्टीरिया आ जाते हैं. इसके बाद भी दवाईयां टेस्ट में फेल हो सकती हैं. ऐसे में जरूरी नहीं कि सभी दवाईयां फेल हो, सिर्फ उनके कुछ लॉट ही खराब हो सकते हैं.

 

क्या दवा फेल होने का मतलब वे खराब हो गई हैं

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, पैरासिटामोल या पैन-डी जैसी दवाईयां ज्यादा इस्तेमाल होती हैं. क्वॉलिटी टेस्ट में ये फेल भी ज्यादा होती हैं. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि ये दवाएं खराब हैं. टेस्ट में फेल होने वाली दवाईयां एख या दो कंपनी की होती हैं, जबकि पैरासिटामोल और पैन-डी जैसे टैबलेट कई कंपनियां बनाती हैं. 

 


 

क्वॉलिटी टेस्ट में फेल दवाएं खाने से क्या होगा

 

1. इससे सेहत को गंभीर नुकसान भी हो सकते हैं.

2. इन दवाईयों से एलर्जी, पेट दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

3. खराब क्वॉलिटी वाली दवाईयां किडनी, लिवर की समस्याएं भी पैदा कर सकती है.

 

खराब दवा की पहचान कैसे करें

 

1. दवा खरीदते समय ISO या WHO-GMP का सर्टिफ़िकेट देखें.

2. एक्सपायरी डेट खत्म होने वाली दवाईयां या डेट नजदीक आने वाली दवाईयां न खरीदें.

3. इंजेक्शन जिस जगह से लें, वहां चेक करें कि रेफ्रिज़रेशन है या नहीं.

4. हमेशा अच्छे मेडिकल स्टोर पर ही दवा खरीदें.

 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 


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