Silent Disease : अक्सर बीमारियां होने से पहले संकेत देती हैं. डॉक्टर भी इनके लक्षण बताते हैं. लेकिन कुछ बीमारियां ऐसी भी जो दबे पांव आती है और बड़ा खतरा पैदा कर सकती हैं. इन बीमारियों को साइलेंट किलर (Silent Disease) कहा जाता है. ये बीमारियां अपने लक्षण छिपा लेती हैं और इनका पता तब तक नहीं चलता, जब तक गंभीर नहीं हो जाती हैं. ऐसी बीमारियों को नजरअंदाज करने से बचना चाहिए. आइए जानते हैं 7 ऐसी ही साइलेंट डिजीज के बारें में...
डायबिटीज
एक लाइलाज बीमारी जो किडनी और दिल को नुकसान पहुंचा सकती हैं. दुनिया में काफी लोग प्री-डायबिटिक हैं. मतलब ऐसे लोग जिनमें ये बीमारी शुरू हो चुकी है लेकिन इसकी शुरुआत की भनक नहीं लग पाती, क्योंकि इनके लक्षण ही नहीं नजर आते हैं.
हाई कोलेस्ट्रॉल
गुड कोलेस्ट्रॉल HDL, और बैड कोलेस्ट्रॉल LDL होता है. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार, हाई एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का कोई लक्षण ही नहीं होता है. ऐसी बीमारियां तभी पकड़ में आती हैं, जब रेगुलर चेकअप कराया जाए.
फैटी लिवर डिजीज
अगर आपके खाने में ज्यादा फैट है तो ये लिवर के लिए नुकसानदायक है. यह धीरे-धीरे शरीर में फैलता है, जिसकी भनक तक नहीं लगती है. इसी बीमारी को फैटी लिवर डिजीज कहते हैं. शराब के ज्यादा सेवन से बीमारी गंभीर हो जाती है.
हाई ब्लड प्रेशर
जब नसें सिकुड़ जाती हैं या ब्लॉकेज हो जाता है, तब खून को बहने का रास्ता नहीं मिल पाता है. इस वजह से दिल को ज्यादा प्रेशर से ब्लड पंप करने की आवश्यकता पड़ने लगती है. ऐसे में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है. यह भी साइलेंट किलर डिजीज मानी जाती है.
कैंसर
जानलेवा बीमारी कैंसर में शरीर में हानिकारक चीजें बढ़ती रहती हैं. इसके शुरुआती लक्षण काफी कॉमन होते हैं. जिसे थकान या कमरोजी समझ लिया जाता है. इसकी जानकारी तभी लग पाती है, जब ये शरीर में फैल चुका होता है.
ऑस्टियोपोरोसिस
यह एक ऐसी बीमारी है, जो हड्डियों को खोखला बना देती है. कैल्शियम और विटामिन डी की कमी के बाद ये बीमारी जन्म लेती है. इसके कारण छोटी सी चोट भी हड्डी फैक्चर का कारण बन सकती है. यह हड्डियों को कमजोर बना देती है.
स्लीप एप्निया
जानलेवा स्लीप डिसऑर्डर, जिसमें नींद के दौरान सांस एकाएक रूक जाती है और फिर शुरू हो जाती ही. इससे स्ट्रोक या मौत का खतरा ज्यादा बढ़ जताा है. इस बीमारी में मरीज जोर-जोर से खर्राटे लेने लगता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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