Health Tips: सर्दियों में स्वेटर पहन कर सोना है गलत आदत, हो सकती हैं ये बीमारियां
कड़ाके की ठंड में लोग गर्म ऊनी कपड़े पहनते हैं. अक्सर लोग ठंड से बचने के लिए रात को गर्म ऊनी कपड़े ही पहनकर सो जाते हैं लेकिन यह एक गलत आदत है.
उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. लोग ऐसे मौसम में गर्म ऊनी कपड़े ठंड से बचाव के लिए पहनते हैं. अक्सर लोग ठंड से बचने के लिए रात को गर्म ऊनी कपड़े ही पहनकर सो जाते हैं. लेकिन यह एक गलत आदत है जो आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है. हम आपको बता रहे हैं ऊनी कपड़े पहनकर सोने के क्या नुकसान हो सकते हैं.
बैचेन, घबराहट की समस्या ऊनी कपड़े पहनकर रजाई के अंदर सोने से कभी-कभी बेचैनी, घबराहट, ब्लड प्रेशर लो होने की शिकायत हो सकती है. अगर गरम कपड़े पहनने ही हैं तो थर्मोकॉट पहने जा सकते हैं.
एलर्जी और खुजली की समस्या ऊनी कपड़े पहनकर सोने से एलर्जी और खुजली की समस्या हो सकती है. नर्म-मुलायम त्वचा होने पर ऊनी कपड़ों के रोएं के साथ इसके खिंचाव की संभावना कम होती है. रुखी त्वचा होने पर कपड़े के रोएं भी अकड़ जाते हैं, जिसके कारण अधिक खिंचाव पैदा होता है. इसकी वजह से त्वचा पर दाने, चकत्ते, रैशेज जैसी समस्या भी हो सकती है.
दिल के रोगियों और डायबिटीज के रोगियों के लिए सही नहीं अगर हम रजाई या कंबल के अंदर ऊनी कपड़े पहन कर सोते हैं तो ऊनी कपड़ों के फाइबर हमारी शरीर की गरमी को लॉक कर देते हैं. ऐसे में स्वेटर की गर्मी और रजाई की गर्मी सर्दी के मौसम में डायबिटीज के मरीजों और खासकर हार्ट के मरीजों के लिए खतरा बन सकती है. इसलिए उन्हें स्वेटर पहनकर सोने के लिए मना किया जाता है.
ऊनी मोजे पहनकर सोना खतरनाक ऊन पसीने को अच्छी तरह से सोख नहीं पाता है. यह बैक्टीरिया के पैदा होने और पनपने का कारण बनता है और छाले भी पैदा कर सकता है. हमारे पैर एक शुष्क और गर्म वातावरण पसंद करते हैं, इसलिए ऊनी मोजे पैरों के लिए ठीक नहीं है. पैरों के लिए कपास से बनें मौजे सही रहते हैं जो पसीना भी अच्छी तरह सोखते हैं.
सर्दियों के मौसम में अगर रात को ऊनी कपड़े पहनना बहुत जरुरी हो तो पहले कॉटन या रेश्म के कपड़ने पहनें और उनके ऊपर ऊनी कपड़े पहनें. हालांकि ऐसा तभी करें जब बहुत जरूरी हो.
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