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Depression जैसे ही दिखते हैं इन बीमारियों के भी लक्षण, कन्फ्यूजन में कहीं इन्हें नजरअंदाज़ तो नहीं कर रहे हैं आप
कई बार डिप्रेशन की कई लक्षण दूसरी बीमारियों में भी नजर आते हैं. जिसे अगर सही तरह से न समझा जाए तो कई तरह की समस्याएं होने लगती है. इसलिए जब डिप्रेशन के लक्षण नजर आए तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
Mental Health : आजकल मेंटल प्रॉब्लम तेजी से हर उम्र के लोगों को अपनी चपेट में ले रही है. कम उम्र में भी लोग स्ट्रेस-एंग्जाइटी का शिकार हो रहे हैं. अगर इन समस्याओं पर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो डिप्रेशन का खतरा बढ़ जाता है. शोधकर्ताओं के मुताबिक, डिप्रेशन का मानसिक ही नहीं कई तरह के शारीरिक दुष्प्रभाव भी देखने को मिलते हैं, जो काफी रिस्की होते हैं. बहुत ही कम लोग जानते हैं कि हमारे शरीर में कुछ ऐसी कंडीशन भी हैं, जो लगती तो डिप्रेशन (Depression) जैसी ही हैं लेकिन वो डिप्रेशन होती नहीं हैं. अगर समय रहते उनका समाधान न किया जाए तो मुसीबत बढ़ सकती है.
डिप्रेशन के क्या-क्या लक्षण हैं
डिप्रेशन होने पर उदासी छा जाती है. किसी काम में इंट्रेस्ट नहीं आता है. वे काम भी नहीं अच्छे लगते, जिन्हें करने में सबसे ज्यादा खुशी मिलती है. इसके अलावा भूख की कमी, ज्यादा थकान, एनर्जी की कमी, सोने में परेशानी, सोचने में समस्या, ध्यान का केंद्रित न हो पाना, फैलने लेने में समस्या भी डिप्रेशन के लक्षण ही हैं.
डिप्रेशन जैसे लक्षण वाली खतरनाक बीमारियां
1. क्रोनिक फटीग सिंड्रोम (सीएफएस) की स्थिति
फटीग का हिंदी में मतलब थकान होता है. यह डिप्रेशन का सामान्य लक्षण है लेकिन एक बात ध्यान देना चाहिए कि हर बार थकान होना डिप्रेशन ही नहीं होता है. यह क्रोनिक फटीग सिंड्रोम (CFS) का कारण भी हो सकता है. इसमें भी पसंद के काम करने में बोरियत फील होती है. इस बीमारी में याददाश्त, एकाग्रता और नींद की समस्याएं भी होती हैं.
2. डायबिटीज
अभी तक पूरी तरह समझा नहीं जा सका है लेकिन डिप्रेशन और डायबिटीज में एक से लक्षण हो सकते हैं. डायबिटीज के मरीजों में डिप्रेशन का खतरा ज्यादा हो सकता है. इसके कई लक्षण कंफ्यूज भी कर सकते हैं. कमजोरी, थकान और वजन कम होना दोनों बीमारियों में काफी कॉमन हैं. हालांकि, डायबिटीक को ज्यादा प्यास लगना, धुंधला नजर आना, हाथ या पैरों में सुन्नता, घाव धीरे-धीरे भरना, बार-बार पेशाब आने जैसी समस्याएं होती हैं, जो डिप्रेशन में नहीं होती है.
3. हाइपोथायरायडिज्म
डिप्रेशन के शिकार वाले लोगों में चिड़चिड़ापन, उदासी और थकान देखी जाती है. हाइपोथायरायडिज्म की भी यही समस्याएं हो सकती हैं. जब थायरॉयड ग्रंथि हार्मोन का उत्पादन कम करने लगती है तब मेटाबॉलिज्म स्लो हो सकता है. इस कारण मरीजों में उदासी, चिंता और कमजोरी नजर आने लगती है. त्वचा का ड्राई होना, अनियमित मासिक धर्म या प्रजनन जैसी समस्याएं और हार्ट बीट धीमा हो जाए तो थायरॉयड की जांच करवानी चाहिए.
4. नींद की समस्या
जब आपका मन उदास होगा, काम में मन नहीं लगेगा या आप डिप्रेशन में हैं तो नींद की समस्या भी होने लगती है. लेकिन हर बार नींद की समस्या डिप्रेशन ही नहीं होती है. डायबिटीज, पाचन, हार्ट डिजीज और कई दूसरे डिसऑर्डर की वजह से भी ये परेशानी होनी आम है. लंबे समय से अनिद्रा से परेशान हैं तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
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प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
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