Health Tips: ताड़ासन शब्द ताड़ के पेड़ से लिया गया है. इसीलिए अंग्रेजी में इसे पाम ट्री पोश्चर कहा जाता है. जैसे ताड़ का पेड़ एक सीध में खड़ा रहता है उसी तरह से ताड़ासन योग किया जाता है. इस योग को करने से आपकी रीढ़ की हड्डियों से संबंधित समस्याओं में सुधार होता है. इसके साथ ही यह आपके बैलेंस को बेहतर बनाने में सहायक है. इसके अलावा जिन लोगों की लंबाई नहीं बढ़ रही है उन्हें ताड़ासन नियमित रूप से करना चाहिए, तो आइए आज हम आपको ताड़ासन के बारे में विस्तार से बता रहे ताड़ासन करने से आपकी रीढ़ की हड्डियों से संबंधित समस्याओं में सुधार होता है. साथ ही यह लंबाई बढ़ाने में भी बेहद सहायक है, तो आइए आज हम आपको ताड़ासन के बारे में विस्तार से बता रहे हैं.
ताड़ासन करने का तरीका
इसके लिए आप अपने दोनों पैर के पंजों को मिलाकर 10 सेंटीमीटर की दूरी पर रखते हुए सीधे खड़े हो जाएं और अपने हाथों को साइड में रखें. फिर अपने शरीर का वजन दोनों पैरों पर एक समान रखें. अब अपने हाथों को सिर के ऊपर उठाकर उंगलियों को फंसाकर हथेलियों को ऊपर की तरफ रखें. आपके दोनों हाथ सिर के ऊपर सीध में हों. फिर अपनी नजरों को सीध में किसी बिंदु पर टिकाएं, आपकी नजर इधर-उधर भटके नहीं. इस पूरे आसन के दौरान आपको ऐसा ही करना है. फिर सांस लेते हुए अपने हाथों, कंधों और छाती के साथ पूरे शरीर को ऊपर की तरफ तानते हुए अपनी एडियों को ऊपर की तरफ उठाते हुए पैरों के पंजों पर खड़े हो जाएं. अब बिना संतुलन खोए पंजों से लेकर सिर तक अपने पूरे शरीर को आसमान की ओर तानकर और कुछ क्षणों तक सांस रोकर इसी स्थिति में खड़े रहें. इसके बाद आप सांस छोड़ते हुए वापस पहले वाली स्थति में आ जाएं और कुछ क्षणों तक आराम करें. यह एक पूरा चक्र माना जाता है. ऐसे ही आपको 10 चक्र करने होंगे. जिससे आपको ताड़ासन करने का पूरा फायदा मिलता है.
ताड़ासन करने के अन्य तरीके
ताड़ासन को कई और तरीको से भी किया जा सकता है. इसके लिए आप आपस में उंगुलियों को फंसाकर एक जगह रखकर भी दृष्टि को केंद्रित कर सकते हैं लेकिन इसमें संतुलन बनाए रखना थोड़ा मुश्किल हो सकता है. इसके अलावा, ताड़ासन के दूसरे तरीके में आप अपने एक पैर की अंगुलियों पर बैलेंस बनाते हुए दूसरे पैर को आगे या पीछे की तरफ ले जाएं. इसको आप 10 बार दोहराएं.
कुछ महत्वपूर्ण बातें
हाथों को ऊपर उठाते वक्त श्वास लें, फिर इसी तनी हुई अवस्था में श्वास रोकें या सामान्य सांस लें. इसके बाद पहले की स्थति में आते वक्त सांसें छोड़ें. इस आसन को करने के बाद सिर के बल किया जाने वाला कोई आसन करना आवश्यक होता है. जिन लोगों ने आंखें खोलकर इस आसन को करने में दक्षता प्राप्त कर ली है वह आंख बंदकर इसे करने की कोशिश कर सकते ताड़ासन करने से आपकी रीढ़ की हड्डियों से संबंधित समस्याओं में सुधार होता है. साथ ही यह लंबाई बढ़ाने में भी बेहद सहायक है, तो आइए आज हम आपको ताड़ासन के बारे में विस्तार से बता रहे हैं.
ताड़ासन के फायदे
इस आसन से आपका शारीरिक और मानसिक संतुलन विकसित होता है. यह आपकी पूरी रीढ़ की हड्डियों में खिंचाव और लचीलापन लाता है, जिसके कारण जिन बिंदुओं से रीढ़ के स्नायु निकलते हैं. यह उनके अवरोध को दूर करता है. मांसपेशियों और स्नायु बंधों में खिंचाव उत्पन्न होने के कारण बढ़ती हुई हड्डियां लंबी हो जाती हैं, जो शरीर की लंबाई बढ़ाने में सहायक होते हैं. इसके अलावा, यह मलाशय और आमाशय की मांसपेशियों और आंतों में खिंचाव उत्पन्न करने में सहायक होता है, इसलिए यह प्रेगनेंसी के 6 माह तक उदर की मांसपेशियों और स्नायुओं को शक्ति प्रदान करने के लिए बेहद उपयोगी होता है.
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