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गले की इस बीमारी से जूझ रहीं 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' की एक्ट्रेस, इस डिजीज में आवाज जाने तक का होता है खतरा, जानें इलाज
Health Tips:वॉयस बॉक्स में बनने वाली गांठों को लेरिन्जाइटिस कहते हैं. इसमें वॉइस बॉक्स के अंदर सूजन हो जाती है. बहुत ज्यादा बोलने या इंफेक्शन की वजह से ऐसा होता है. इसमें आवाज भी जा सकती है.
Throat Lump : टीवी सीरियल 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' की फेम लता सबरवाल (TV Actress Lata Saberwal) इन दिनों गले की एक बीमारी से जूझ रही हैं. इंस्टाग्राम पर उन्होंने अपने फैंस को इसकी जानकारी दी है. सबरवाल ने बताया है कि उनके गले में सूजन की समस्या हो गई थी. परेशानी होने पर उन्होंने डॉक्टर से संपर्क किया. तब उन्हें पता चला कि उनके वॉयस बॉक्स में गांठें हैं. डॉक्टर ने उन्हें करीब एक हफ्ते तक ना बोलने की सलाह दी है। क्या आप जानते हैं यह बीमारी कितनी खतरनाक है? वॉयस बॉक्स में गांठें (Throat Lump) बनने से आवाज बदल जाती है या आवाज चली भी जाने का खतरा रहता है. आइए जानते है क्या है यह बीमारी और इसका इलाज..
वॉयस बॉक्स में गांठें बनने का कारण
वॉयस बॉक्स में बनने वाली गांठों को लेरिन्जाइटिस (Laryngitis) कहते हैं. इसमें वॉइस बॉक्स के अंदर सूजन हो जाती है. बहुत ज्यादा बोलने या इंफेक्शन की वजह से ऐसा होता है. दरअसल, हमारे वॉइस बॉक्स के अंदर स्वर तंत्रियां होती है. जिसने खुलने और बंद होने पर वाइब्रेशन होता है. इसी से आवाज निकलती है. जब इन स्वर तंत्रियों में सूजन आ जाती है, तब आवाज बदल जाती है.
वॉइस बॉक्स में सूजन क्यों हो जाती है
श्वसन तंत्र (respiratory system) में इंफेक्शन
साधारण सर्दी-जुकाम
जरूरत से ज्यादा बोलना, गाना या चिल्लाना
प्रदूषण, प्रदूषित हवा, स्मोकिंग का धुआं
लेरिन्जाइटिस के लक्षण
वॉइस बॉक्स में सूजन होने पर आवाज बैठ जाती है या बोलते-बोलते आवाज बंद होने लगती है.
गले में दर्द, खाना निगलने में दर्द, गले में खराश, गला सूखना, गर्दन में सूजन जैसी समस्याएं.
किसी इंफेक्शन से लेरिन्जाइटिस होने पर फीवर आना शुरू हो जाता है.
लिम्फ नोड्स में सूजन भी हो सकते हैं.
वॉयस बॉक्स में गांठें से उपाय
जब भी किसी के गले में सूजन होती है तो डॉक्टर उसे आवाज को आराम देने की सलाह देते हैं. इससे सूजन कम हो सकता है. आप चाहें तो घरेलू इलाज के जरिए भी इस समस्या से निजात पा सकते हैं. गले में सूजन तीन हफ्ते या उससे ज्यादा दिखे तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
लेरिन्जाइटिस से किस तरह करें बचाव
- शराब और कैफीन का सेवन कम करें.
- स्मोकिंग से जितना हो सके उतना दूर रहें.
- धूम्रपान वाली जगह जाने से बचें. किसी दूसरे के धूम्रपान वाले धुएं से भी बचें.
- गले में कफ बनने या खराश होने पर ज्यादा जोर लगाकर साफ न करें.
- जितना हो सके उतना पानी पिएं. इससे गले में जमा बलगम पतला हो जाता है और आसानी से बाहर आ जाता है.
- फाइबर वाले अनाज. फल, सब्जियों का ही सेवन करें.
- विटामिन A, E और C बलगम की झिल्ली को बनाने में मदद कर सकते हैं.
- सांस से होने वाला किसी भी इंफेक्शन से खुद को बचाएं.
लेरिन्जाइटिस से बचने के उपाय
- गले की खराश दूर करने गर्म पानी में नमक या बेकिंग सोडा डालकर गरारा करें.
- ज्यादा से ज्यादा लिक्विड का सेवन करें.
- खूब पानी पिएं.
- न ज्यादा तेज बोलें और ना ही चिल्लाएं.
- हवा में नमी वाली जगह रहें.
- गले को राहत देने भाप ले सकते हैं.
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