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लंबे समय तक खड़े रहने वालों को होती है ये बीमारी, पैरों की नसें बन जाती हैं मोटी और काली, जानें क्या है ये बीमारी
Varicose Veins : जब शरीर की नसें सामान्य से ज्यादा दिखाई दें तो उन्हें वेरिकोज वेन्स कहते हैं. इन नसों का रंग नीला होता है. वेरिकोज वेन्स हाथ, पैर, टखने और पंजों के पास सबसे ज्यादा नजर आती हैं.
Varicose Veins : अक्सर शरीर के कई अंगों की नसें साफ-साफ नजर आने लगती है. हाथ-पैर से लेकर चेस्ट, बैक और मसल्स पर ये नसें दिखाई देती हैं. अधिकतर लोग इसे शरीर का परिवर्तन मानकर नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन लंबे समय तक ऐसा करना गंभीर बीमारी का रूप ले सकता है. जिसे वेरिकोज वेन्स (Varicose Veins) कहते हैं. इसकी वजह से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. आइए जानते हैं वेरीकोज वेन्स क्या होता है और इसके क्या लक्षण होते हैं...
वेरीकोज वेन्स क्या है
जब शरीर की नसें सामान्य से ज्यादा दिखाई दें तो उन्हें वेरिकोज वेन्स कहते हैं. इन नसों का रंग नीला होता है. वेरिकोज वेन्स हाथ, पैर, टखने और पंजों के पास सबसे ज्यादा नजर आती हैं. सामान्य नसों की तुलना में ये ज्यादा उभरी और नीले, बैंगनी रंग की दिखाई देती हैं. जब नसों में सही तरह से ब्लड सर्कुलेशन नहीं हो पाता, तब नसें वेरिकोज वेन्स में बदल जाती हैं.
वेरीकोज वेन्स कैसे बनती हैं
दरअसल, हमारे पैरों की नसों में 3 से 5 वॉल्व होते हैं. इन्हीं वॉल्व के माध्यम से पैरों का ब्लड शरीर के ऊपरी हिस्से तक पहुंचता है. अगर इन वाल्व में किसी तरह की परेशानी आती है तो ब्लड ऊपर नहीं पहुंच पाता है और पैरों की नसों में ही जमा हो जाता है. इसी वजह से नसें फूल जाती हैं और धीरे-धीरे कमजोर होने लगती हैं. वेरिकोज वेन्स त्वचा के अंदर गुच्छा बन जाता है, जो स्पाइडर वेन्स कहलाता है.
वेरीकोज वेन्स की वजह
1. मोटापा
2. ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव
3. लंबे समय तक बैठे या खड़े रहना
4. फूड या एलोपैथिक दवाओं का रिएक्शन
5. ज्यादा टाइट जीन्स पहनना
6. महिलाओं में पीरियड्स की वजह से
वेरीकोज वेन्स के क्या लक्षण होते हैं
1. नसों का नीला-बैंगनी होना
2. नसों का फूलना-मुड़ जाना
3. पैरों में लगातार दर्द, मांसपेशियों में ऐंठन और जलन
4. बैठने-खड़े होने पर दर्द होना, पैरों का मोटा होना
5. नसों के पास खुजली होना
वेरीकोज वेन्स का इलाज क्या है
1. रोजाना एक्सरसाइज-वर्कआउट
2. वजन कम करें
3. काम करते समय हर घंटे पैरों को आराम दें
4. डाइट में फाइबर शामिल करें, नमक कम करें.
5. टाइट कपड़े पहनने से बचें
6. सोने के दौरान पैरों को थोड़ा ऊपर रखें.
7. डॉक्टर की सलाह पर लेजर थेरेपी या सर्जरी कराएं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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