Virus-Related Cancer : कैंसर की बीमारी तेजी से बढ़ रही है. WHO के अनुसार,साल 2023 में भारत में कैंसर के 14 लाख से ज्यादा केस आए थे. लैंसेट रीजनल हेल्थ जर्नल में पब्लिश एक रिसर्च के मुताबिक, साल 2021 में देश में करीब 10 लाख मौतें सिर्फ कैंसर से ही हुई थी. अभी तक माना जाता रहा है कि कैंसर खराब लाइफस्टाइल, खानपान, जेनेटिक और प्रदूषण की वजह से होता है लेकिन बहुत कम लोग ही जानते हैं कि 14 तरह के कैंसर ऐसे भी हैं, जो वायरस (Virus-Related Cancers) से भी हो सकते हैं. आइए जानते हैं वायरस से होने वाले कैंसर के बारें में...


1. ह्यूमन पेपिलोमावायरस वायरस 


सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला आम कैंसर है. इसके ज्यादातर मामले लास्टस्टेज में रिपोर्ट होते हैं. यह महिलाओं में होने वाली मौत का बड़ा कारण है. यह कैंसर ह्यूमन पेपिलोमावायरस वायरस (HPV) से होता है, जो फिजिकल रिलेशन बनाते समय पुरुषों के शरीर से महिलाओं में आता है. एचपीवी वायरस यूट्रस, प्राइवेट पार्ट, गले, और वुल्वर कैंसर का कारण भी है. एचपीवी वायरस से होने वाले इन पांच कैंसर से बचने के लिए समय पर इनकी पहचान बेहद जरूरी है.


यह भी पढ़ें: देश के लगभग 88% लोग हैं एंग्जायटी के शिकार, अगर आप भी हैं उनमें से एक तो करें ये काम


2. एपस्टीन-बार वायरस


एपस्टीन-बार वायरस (EBV) हर्पीस वायरस है, जो लार के जरिए फैलता है. ईबीवी से बर्किट लिंफोमा, कुछ तरह के हॉजकिन और गैर-हॉजकिन लिंफोमा और पेट के कैंसर हो सकता है. बर्किट लिंफोमा खतरनाक कैंसर होता है, जो गर्दन, कमर और लिम्फ नो़ड्स में गांठ बनाता है.


3. हेपेटाइटिस सी और बी वायरस


हेपेटाइटिस सी वायरस संक्रमित खून से एक-दूसरे में फैलता है. यह लिवर के कैंसर का कारण बनता है. यह वायरस गैर-हॉजकिन लिंफोमा कैंसर के लिए भी जिम्मेदार है.


4. ह्यूमन हर्पीस वायरस 8


ह्यूमन हर्पीस वायरस 8 (HHV-8) कपोसी सारकोमा कैंसर का कारण है. इससे स्किन कैंसर होता है और फिर बाकी अंगों तक फैल सकता है. कमजोर इम्यूनिटी वालों को इसका खतरा ज्यादा रहता है.


यह भी पढ़ें: अब 40 पर्सेंट तक कम हो जाएगा सर्वाइकल कैंसर से मौत का खतरा, 10 साल की टेस्टिंग के बाद तैयार हुआ खास ट्रीटमेंट


5. फेलिनल्यूकेमिया वायरस


फेलिन ल्यूकेमिया वायरस को ह्यूमन टी-लिम्फोट्रोफिक वायरस (HTLV-1) के नाम से भी जानते हैं. यह ल्यूकेमिया यानी ब्लड कैंसरऔर लिम्फोमा कैंसर का कारण है. यह वायरस संक्रमित स्पर्म, खून से एक-दूसरे में फैलता है. एडेनोवायरस भी खतरनाक वायरस होता है, जो यूरिनरी ब्लैडर कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है. इसी तरह सिमियन वायरस से ब्रेन ट्यूमर, बोन कैंसर का खतरा रहता है.


6. मर्केल सेल पॉलीओमावायरस 


मर्केल सेल पॉलीओमावायरस (MCV) से लोग ज्यादातर लोग बचपन में ही संक्रमित हो जाते हैं, इस वायरस का कोई लक्षण नहीं होता है लेकिन कमजोर इम्यूनटी वालों में ये मर्केल सेल कैंसर का कारण बन सकते हैं. 


7. HIV


ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV) शारीरिक संबंध बनाने के दौरान फैलता है लेकिन ये वायरस कभी भी सीधे तौर पर कैंसर की वजह नहीं बनता है. शोधकर्ताओं का मानना है कि सबसे पहले ये कैंसर कमजोर इम्यूनिटी वालों पर अटैक करता है और फिर कैंसर का खतरा बढ़ाता है. एचआईवी से जुड़े कैंसर में कपोसी सारकोमा, गैर-हॉजकिन और हॉजकिन का लिंफोम  कैंसर है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


यह भी पढ़ें:क्या आपकी आंखों में धूल झोंक रहे हैं एंटी ग्लेयर लेंस? जान लीजिए ये कितने कारगर