Sleep Disorders: रात-रातभर जागना और नींद न आना किसी गंभीर बीमारी का भी संकेत हो सकता है. अगर लंबे समय तक ये परेशानी बनी रहे तो रिस्क और भी ज्यादा बढ़ सकता है. डॉक्टर्स का कहना है कि नींद से जुड़ी समस्याएं दुनियाभर में लाखों लोगों को प्रभावित करती हैं. एक स्वस्थ व्यक्ति को 24 घंटे में कम से कम 6-8 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए. अगर आपको भी नींद न आने की समस्या है तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए. इंडियन जर्नल ऑफ फार्मेसी प्रैक्टिस में पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक, केरल के तीन जिलों के बच्चों में नींद की समस्याएं सामने आईं हैं. रिपोर्ट में ज्यादातर बच्चें तनाव वाली जिंदगी जी रहे थे. उनमें कई तरह की मेंटल प्रॉब्लम्स भी थी. डॉक्टरों के मुताबिक, नींद न आने से शरीर पर कई नकारात्मक और गंभीर असर हो सकते हैं.

 

किन कारणों से प्रभावित होती है नींद

 

1. स्ट्रेस और डिप्रेशन

मेंटल हेल्थ ही नींद न आने का सबसे बड़ा कारण है. कई रिपोर्टों में खुलासा हुआ है कि, लाइफस्टाइल और आसपास निगेटिव माहौल से इस तरह की समस्याएं आती हैं, जिससे स्ट्रेस और डिप्रेशन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इस वजह से नींद में खलल पड़ती है.

 

2. पाचन की समस्या

जिन लोगों को पेट की समस्याएं या फिर पाचन की दिक्कत होती है उन्हें कम नींद आती है. पाचन की समस्या शारीरिक और मानसिक सेहत पर भी असर डालती है, जिससे रात में जल्दी नींद नहीं आती है. इतना ही नहीं आपकी नींद जितनी ज्यादा खराब होगी, पाचन की समस्या भी उतनी ही बढ़ने की आशंका होगी है, इसलिए नींद की समस्याओं को हल्के में नहीं लेना चाहिए.

 

3. न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर

न्यूरोलॉजिकल हेल्थ प्रॉब्लम्स कुछ सालों में लोगों तेजी से बढ़ रही हैं, इस तरह की समस्याएं नींद को भी प्रभावित करती हैं. स्लीप एपनिया, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया, अनिद्रा और पैरासोमनिया जैसी न्यूरोलॉजिकल कंडिशन नींद में बाधा डाल सकती हैं. इसके साथ ही न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के कारण क्वालिटी ऑफ लाइफ पर भी असर पड़ता है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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