Burnout Syndrome: काम का प्रेशर और स्ट्रेस-डिप्रेशन की वजह से कभी-कभी थकान होना आम होता है लेकिन अगर हमेशा ही थकान महसूस हो रही है या किसी काम में मन नहीं लग पा रहा है तो इसे हल्के में लेने की भूल बिल्कुल भी न करें, क्योंकि यह बर्नआउट सिंड्रोम (Burnout Syndrome) के लक्षण हैं. इसमें मेंटली और फिजिकली बहुत ज्यादा थकावट लगती है. अगर समय पर इसका इलाज न करवाया जाए तो स्थिति गंभीर भी हो सकती है. ऐसे में आइए जानते हैं बर्नआउट सिंड्रोम के बारें में...
बर्नआउट सिंड्रोम क्या होता है
क्रॉनिक वर्कप्लेस स्ट्रेस (Chronic Workplace Stress) के कारण थकान, लो एनर्जी, परेशान रहना, किसी काम में मन न लगना, गुस्सा और चिड़चिड़ापन बढ़ना हो सकता है. इसे बर्नआउट सिंड्रोम भी कहते हं. सिंपल शब्दों में कहें तो बर्नआउट सिंड्रोम एक ऐसी कंडीशन है, जब बहुत ज्यादा शारीरिक और मानसिक तनाव महसूस होता है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के अनुसार, इसका कारण क्रोनिक वर्कप्लेस स्ट्रेस हो सकता है. इसलिए इन लक्षणों को अनदेखा नहीं करना चाहिए, क्योंकि धीरे-धीरे ये आपकी बॉडी और मेंटल हेल्थ को प्रभावित करने लगता है, जो बाद में खतरनाक बन सकता है. इसलिए जब भी ऐसा महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर या किसी मनोचिकित्सक से मिलना चाहिए.
बर्नआउट सिंड्रोम के लक्षण
- शारीरिक-मानसिक थकान
- बहुत ज्यादा स्ट्रेस होना
- किसी भी काम में मन न लगना
- हमेशा उदास रहना
- अपनी जॉब पसंद न आना
- कॉन्फिडेंस-सेल्फ रिस्पेक्ट में कमी
- मूड स्विंग्स होना
- नींद की समस्या होना
- एंग्जाइटी या पैनिक अटैक
- दिल का तेज धड़कना
- जल्दी-जल्दी सांस आना
- आंत और पाचन से जुड़ी समस्याएं
बर्नआउट सिंड्रोम से बचाव के उपाय
1. वर्क प्लेस की लाइफ को बैलेंस बनाएं.
2. हर दिन अपनी पसंद के काम करें.
3. स्ट्रेस को कम करने की कोशिश करें.
4. अपनों से खुलकर बात करें.
5. लाइफस्टाइल में पॉजिटिव बदलाव करें.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.