Carpal Tunnel Syndrome : अगर हाथ और कलाई में लगातार बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है तो अनदेखा न करें, क्योंकि यह कार्पल टनल सिंड्रोम हो सकता है. इसमें कलाई में कार्पल टनल यानी नसों पर दबाव पड़ने से नसों में सूजन आ जाती है, जिससे दर्द बहुत ज्यादा होता है.


इसमें कलाई से बांह तक जाने वाली किसी नस में दबाव पड़ सकती है. इसकी वजह से हाथों में दर्द के अलावा कलाई में झुनझुनी और हाथ से काम करने में समस्या हो सकती है. आइए जानें आखिर कार्पल टनल सिंड्रोम क्या होता है और इसके क्या-क्या खतरे हैं...




कार्पल टनल सिंड्रोम के क्या-क्या लक्षण हैं




कार्पल टनल सिंड्रोम होने पर कई लक्षण (Carpal Tunnel Syndrome Symptoms) नजर आ सकते हैं. इनमें कलाई और हाथ में दर्द खासकर रात में दर्द बढ़ सकता है. इसके अलावा सुन्नपन और झनझनाहट,हाथों में कमजोरी, चीजों को पकड़ने में समस्या हो सकती है, उंगलियों में कमजोरी हो सकती है.


कार्पल टनल सिंड्रोम के कारण हाथों और कलाइयों में तेज दर्द होता है. यह सिंड्रोम पुरुषों की तुलना में महिलाओं में तीन गुना अधिक बार होता है. अक्सर यह समस्या 30 साल के बाद या गर्भावस्था के दौरान और बच्चे के जन्म के बाद शुरू होती है. लेकिन कई बार ऐसा एक हाथ का ज्यादा इस्तेमाल करने, कंप्यूटर या लैपटॉप पर उंगलियां चलाने या हाथ की खराब स्थिति के कारण होता है




कार्पल टनल सिंड्रोम क्यों होता है




जो लोग हाथ से काम ज्यादा करते हैं, उनमें इस तरह की समस्या देखने को मिलती है. जैसे टाइप करना, लिखना और कंप्यूटर माउस का ज्यादा इस्तेमाल, सिलाई करने वालों में इस तरह की समस्या हो सकती है. इससे मांसपेशियों में परेशानियां, हड्डियों का डिसऑर्डर और डायबिटीज के जोखिम बढ़ा सकते हैं, इसलिए हेल्थ एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, वरना कई तरह की तकलीफें बढ़ सकती हैं. 




कार्पल टनल सिंड्रोम का खतरा बढ़ाने वाली बीमारियां




डायबिटीज




मोनोपॉज




रुमेटॉइड आर्थराइटिस




मोटापा




किडनी फेलियर




कार्पल टनल सिंड्रोम में क्या करें




1. कंप्यूटर-लैपटॉप पर काम करते वक्त या कोई अन्य काम करते समय कलाई सीधी पोजिशन में रखें.




2. लगातार काम न करें, हाथों को ब्रेक दें, लगातार टाइपिंग या रिपिटेटिव मोशन के दौरान हाथों को रेस्ट दें.




3. कलाई को सपोर्ट देने के लिए ब्रेस का यूज करना चाहिए. 




4. स्ट्रेचिंग और मांसपेशियों को मजबूत वाले एक्सरसाइज करना चाहिए.




5. ज्यादा समस्या होने पर डॉक्टर को दिखाना चाहिए.



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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