Triple E Infection : मच्छरों के काटने से कई बीमारियां हो सकती हैं. इनमें से एक ट्रिपल ई (EEE) इंफेक्शन भी है. यह एक गंभीर बीमारी है, जो ब्रेन में सूजन का कारण बनती है. EEEV का पूरा नाम ईस्टर्न इक्विन एन्सेफलाइटिस वायरस है, जो दुर्लभ है. हाल ही में अमेरिका के न्यू हैम्पशायर में एक मरीज की इस बीमारी से मौत हो गई है. इससे पहले 2014 में इसका मामला आया था. हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से एक बार फिर ये बीमारी बढ़ रही है. ऐसे में आइए जानते हैं आखिर Triple E इंफेक्शन क्या होता है और यह कितना खतरनाक हो सकता है...
Triple E इंफेक्शन क्या है
ईस्टर्न इक्विन एन्सेफलाइटिस संक्रमित मच्छर के काटने से फैलने वाली बीमारी है, जो बेहद दुर्लभ है. इस बीमारी से दिमाग में सूजन आ जाती है. इसकी वजह से गंभीर न्यूरोलॉजिकल बीमारी भी हो सकती है. इसमें दिमाग और रीढ़ की हड्डी के आसपास की झिल्लियों में सूजन यानी एन्सेफलाइटिस और मेनिनजाइटिस हो सकती है.
कहां मिला था ये वायरस?
यह वायरस उत्तरी अमेरिका और कैरिबियन में मिला था. अमेरिका में ये सबसे पहले पूर्वी और खाड़ी के तटीय राज्यों के लोगों में मिला. येल यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की एसोसिएट रिसर्च साइंटिस्ट वेरिटी हिल ने कहा कि यह कई तरह की पक्षियों की प्रजाति से मच्छरों में होते हुए इंसानों तक पहुंचता है. इस वायरस को आमतौर पर ब्लैक-टेल्ड मॉसक्वीटो लेकर घूमता है. ज्यादातर पूर्वी अमेरिका, मेक्सिको और कैरिबियन में ही इसके मामले सामने आते हैं.
Triple E इंफेक्शन कितना खतरनाक
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बीमारी से संक्रमित करीब 30 प्रतिशत लोगों की मौत हो जाती है. इलाज को बाद जो लोग बच भी जाते हैं उनमें शारीरिक और मानसिक समस्याएं देखने को मिलती है. यह हर उम्र के लोगों को अपनी चपेट में ले सकती है लेकिन 50 साल से ज्यादा और 15 साल से कम उम्र के लिए ज्यादा खतरनाक होती है.
Triple E इंफेक्शन के लक्षण
बुखार
सिरदर्द
उल्टी
मांसपेशियों में दर्द
थकान
मस्तिष्क में सूजन
ट्रिपल ई इंफेक्शन से बचाव के तरीके
1. मच्छरदानी का इस्तेमाल करें.
2. मच्छर भगाने वाले क्रीम या स्प्रे का इस्तेमाल करें.
3. लंबे कपड़े पहनें.
4. शाम और सुबह के समय घर से बाहर न निकलें.
5. मच्छरों के पनपने वाली जगहों को खत्म करें.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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