सुड़-सुड़ की आवाज कर रही है परेशान तो हो जाएं सावधान, जानें इस बीमारी का नाम
यूरोप एम्स्टर्डम यूनिवर्सिटी की साइकोलॉजिस्ट डर्क स्मिट और उनकी टीम की एक स्टडी में पता चला कि मिसोफोनिया मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम ही नहीं बल्कि जेनेटिक भी हो सकता है. इससे कुछ आवाजों से चिढ़ हो सकती है.
Misophonia : किसी के जोर-जोर से खाने, सुड़-सुड़कर चाय या पानी पीने से अगर आपको बेचैनी हो रही या गुस्सा आ रहा है तो सावधान हो जाइए, क्योंकि यह सामान्य नहीं है. ऐसा मिसोफोनिया की वजह से हो सकता है. यह एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें कुछ तरह की आवाजें आपको परेशान कर सकती हैं.
ऐसी आवाजें किसी को भी परेशान कर सकती हैं लेकिन मिसोफोनिया से पीड़ित लोगों के लिए ये परेशानी बन जाती हैं. कई बार तो स्थिति इतनी बिगड़ जाती है कि डेली रुटीन भी प्रभावित हो सकती है. आइए जानते हैं क्या है ये बीमारी, इसके लक्षण, कारण और बचाव...
मिसोफोनिया क्या होता है
किसी तरह की आवाज से नफरत हो जाना ही मिसोफोनिया कहलाता है. यह सिर्फ चिढ़ या गुस्सा नही हो सकता, बल्कि गंभीर मेंटल कंडीशन हो सकती है. ऐसी आवाजें डेली छोटी-छोटी परेशानियां बन जाती है. जैसे- खाने की तेज आवाज, जोर-जोर से सांस लेना, पैर हिलाने की आवाजें कानों को चुभना. कई बार यह घबराहट का कारण भी बन जाता है.
मिसोफोनिया के शिकार लोग इन आवाजों की वजह से पब्लिक प्लेस पर जाना बंद कर देते हैं. जिससे वे सामाजिक स्तर पर परेशान होने लगते हैं. उनकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ पर असर पड़ता है.
यह भी पढ़ें: देश के लगभग 88% लोग हैं एंग्जायटी के शिकार, अगर आप भी हैं उनमें से एक तो करें ये काम
मिसोफोनिया के लक्षण
1. खास तरह की परेशानियां- मिसोफोनिया से पीड़ित को कुछ खास ध्वनियों से परेशानी होती है. जैसे- खाने की आवाज, सांस लेने की आवाज़ या किसी के पैरों की आवाज.
2. गुस्सा और चिड़चिड़ापन- मिसोफोनिया से पीड़ित व्यक्ति को इन आवाजों से गुस्सा और चिड़चिड़ापन होता है.
3. स्ट्रेस-डिप्रेशन- मिसोफोनिया से पीड़ित व्यक्ति को तनाव और चिंता होती है.
4. आवाजों से बचना- मिसोफोनिया से पीड़ित व्यक्ति किसी तरह की आवाज से बचने की कोशिश करने के लिए कहीं जाना नहीं चाहते हैं.
मिसोफोनिया के कारण
मिसोफोनिया से पीड़ित व्यक्ति के मस्तिष्क में असामान्यता हो सकती है.
तनाव और चिंता मिसोफोनिया के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं.
यूरोप एम्स्टर्डम यूनिवर्सिटी की साइकोलॉजिस्ट डर्क स्मिट और उनकी टीम की एक स्टडी में पता चला कि मिसोफोनिया मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम ही नहीं बल्कि जेनेटिक भी हो सकता है.
मिसोफोनिया का इलाज
1. काउंसलिंग- काउंसलिंग मिसोफोनिया से पीड़ित व्यक्ति को अपने लक्षणों को समझने और मैनेज करने में मदद कर सकती है.
2. साउंड थेरेपी- ध्वनि थेरेपी मिसोफोनिया से पीड़ितों को आवाजों को सहने में मदद कर सकती है.
3. दवाईयां और डॉक्टर- कुछ दवाईंयों मिसोफोनिया के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती हैं. इसमें डॉक्टर की भी मदद ले सकते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
यह भी पढ़ें: क्या आपकी आंखों में धूल झोंक रहे हैं एंटी ग्लेयर लेंस? जान लीजिए ये कितने कारगर
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )