PET-CT Scan Test : दिल्ली शराब नीति घोटाला केस में जमानत पर चल रहे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि उनकी जमानत 7 दिन के लिए बढ़ा दी जाए. मेडिकल कंडीशन को आधार पर उन्होंने बताया है कि उनका वजन 7 किलो कम हो गया है और कीटोन लेवल हाई है, जिससे कोई गंभीर बीमारी भी हो सकती है.


आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) की तरफ से कहा गया है कि डॉक्टरों ने केजरीवाल को पॉजिट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी और कंप्यूटेड टोमोग्राफी यानी PET-CT स्कैन टेस्ट करवाने की सलाह दी है. बता दें कि इस टेस्ट से कैंसर का पता लगता है.आइए जानते इस टेस्ट के बारें में...


PET स्कैन टेस्ट क्या होता है
पीईटी स्‍कैन को पॉज‍िट्रॉन एम‍िशन टोमोग्राफी (Positron Emission Tomography) स्‍कैन टेस्‍ट कहते हैं.  इसकी मदद से कैंसर, हार्ट डिजीज और न्‍यूरोलॉज‍िकल समस्‍याओं का पता लगाया जाता है. ऐसी बीमारियां जिनका पता एक्‍स-रे से नहीं चल सकता है, उनके लिए PET-Scan Test की हेल्प ली जाती है. पीईटी स्‍कैन टेस्‍ट में मरीज को क‍िसी तरह का दर्द महसूस नहीं होता है.


इस टेस्ट से कैंसर कोशिकाओं की तुरंत सटीक जानकारी मिल जाती है. यह शरीर में छिपे छोटी से छोटी कैंसर कोशिकाओं की भी पहचान कर लेता है. जिससे कैंसर पहली ही स्टेज में ठीक किया जा सकता है. 


PET स्कैन टेस्ट कैसे होता है
इस टेस्ट में एक खास तरह का रेडिऐक्टिव फ्लूइड इंजेक्ट किया जाता है. जिसे टिश्यूज और स्किन सेल्स सोख लेते हैं. बाद में देखा जाता है कि फ्लूइड सबसे ज्यादा किस एरिया में सोखा गया है. जहां सबसे ज्यादा रेडियोऐक्टिव पाए जाते हैं, उसकी जांच की जाती है, क्योंकि सामान्य कोशिकाओं की तुलना में कैंसर सेल्स ज्यादा रेडिऐक्टिव पदार्थ को सोख लेती हैं. इसेस जांच में आसानी हो जाती है. 


PET स्कैन से इन बीमारियों का पता चलता है
ऑन्कोलजी यानीकैंसर
न्यूरोलॉजी यानी ब्रेन से जुड़ी बीमारियां
कार्डियोलजी यानी हार्ट से जुड़ी बीमारियां 
पार्किंसन बीमारी
सीजोफ्रेनिया
मिर्गी


PET स्कैन टेस्ट का फायदा
इस स्कैन का सबसे ज्यादा फायदा है कि इसमें बीमारी की सटीक और पूरी जानकारी मिल जाती है. इससे आने वाली बीमारियों का भी अंदाजा लग सकता है. जिससे समय रहते उसका इलाज हो पाता है. सही समय पर इलाज से खतरनाक बीमारियों को भी शुरू होने से पहले ही खत्म कर दिया जा सकता है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 


हेल्थ इस गंभीर बीमारी का शिकार हैं 4 करोड़ से ज्यादा महिलाएं, ज्यादातर इसके खतरे से अंजान, जानें इसके लक्षण