Dengue Platelets : भारत के ज्यादातर राज्यों में बारिश और बाढ़ के हालात हैं. राजधानी दिल्ली के हालात सबसे चिंताजनक हैं. इस दौरान यहां पिछले 15 दिनों में तेजी से डेंगू के मरीजों की संख्या भी बढ़ी है. इस मौसम में डेंगू ही नहीं मच्छरों से होने वाली बीमारियों का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है. डॉक्टर के मुताबिक, डेंगू के मरीजों में हल्के और गंभीर दोनों लक्षण देखने को मिल रहे हैं. इन मरीजों का प्लेटलेट्स (Dengue Platelets) तेजी से कम होता है, जो खतरनाक माना जाता है. क्या आप जानते हैं कि आखिर ये प्लेटलेट्स क्या होते हैं, डेंगू होने पर ये कम क्यों हो जाते हैं और प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए. आइए समझते हैं...

 

प्लेटलेट्स क्या होते हैं

प्लेटलेट्स को थ्रोम्बोसाइट्स भी कहा जाता है. हमारे ब्लड में छोटे और रंगहीन कोशिकाओं के टुकड़े को प्लेटलेट्स कहा जाता है, जो ब्लीडिंग को रोकने का काम करते हैं. प्लेटलेट्स बोन मैरो में बनते हैं. एक हल्दी बॉडी में 1.5 लाख से 4.5 लाख तक प्लेटलेट्स प्रति माइक्रोलीटर तक होते हैं. इससे ज्यादा प्लेटलेट्स थ्रोम्बोसाइटोसिस और 1.5 से कम प्लेटलेट्स काउंट को थ्रोम्बोसाइटोपेनिया कहा जाता है. डेंगू के मरीजों में प्लेटलेट्स काउंट काफी कम हो जाता है.

 

डेंगू में क्यों कम हो जाता है प्लेटलेट्स 

1. डेंगू में बोन मैरो सप्रेस हो जाता है, जिसकी वजह से प्लेटलेट्स का उत्पादन कम हो जाता है.

2. डेंगू वायरस से प्रभावित रक्त कोशिकाएं प्लेटलेट्स को नुकसान कर उन्हें खत्म करती हैं.

3. डेंगू में एंटीबॉडीज से प्लेटलेट्स कम होने लगता है.

 

प्लेटलेट्स की कमी कितना खतरनाक

डेंगू जब गंभीर हो जाता है, तब तीसरे-चौथे दिन तक प्लेटलेट काउंट कम रह सकता है. 8 से 9 दिन में इसकी संख्या में सुधार आने लग जाता है. प्लेटलेट्स रक्त के थक्के बनाने में हेल्प करते हैं. जब शरीर में इसकी कमी होती है तो डेंगू में उल्टी या शौच के साथ खून आ सकता है. जो खतरनाक और जानलेवा हो सकता है.

 

प्लेटलेट्स बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका


  • डेंगू में अगर प्लेटलेट्स कम हो जाए तो डॉक्टर की दवाईयों से इसमें सुधार हो सकता है.

  • ओमेगा-3, विटामिन, आयरन और अन्य खनिजों से भरपूर चीजें खाएं.

  • डेंगू के मरीजों को ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी, फ्रूट जूस, नारियल पानी दें.


 

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