Sleep Hours : आजकल नींद बड़ी समस्या बन गई है. बिगड़ी लाइफस्टाइल, फोन देखने की आदत, नशे की लत से सोने-जागने का नियम ही खराब हो गया है. जिसकी वजह से कई बीमारियां बढ़ रही हैं. नींद पूरी न होने से मोटापा, डायबिटीज, हार्ट डिजीज और खराब मेंटल हेल्थ जैसी समस्याएं हो रही हैं. कुछ लोग तो नींद की गोली तक खाते हैं.


कई-कई लोग 7-8 घंटे सोकर भी नींद पूरी नहीं कर पाते हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो 4-5 घंटे सोकर ही तरोताजा नजर आते हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं इसके पीछे क्या साइंस काम करता है, आखिर फ्रेश फील करने के लिए कितनी नींद जरूरी होती है...


कितने घंटे की नींद जरूरी
अमेरिकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन के अनुसार, हर किसी के लिए 24 घंटे में कम से कम 8 घंटे की नींद जरूरी है. हालांकि, सभी इतना नहीं सोते हैं. कुछ लोग चार घंटे सोकर भी नींद पूरी कर लेते हैं. इसे लेकर एक्सपर्ट्स का कहना है कि नींद के घंटे नहीं बल्कि क्वालिटी जरूरी है. कम सोने के बावजूद भी नींद पूरी कर लेना और फ्रेश फील करने के पीछे उनकी गहरी नींद (Deep Sleep) महत्वपूर्ण होता है.


अगर नींद ज्यादा गहरी है तो चार घंटे की नींद भी पर्याप्त है. ऐसे लोगों को डीप स्लीपर कहते हैं. ऐसे लोगों को कम नींद के बावजूद हेल्थ से जुड़ी समस्याएं नहीं होती है.  जबकि, 7-8 घंटे सोने वालों को लगता है कि उनकी नींद ही पूरी नहीं हुई है, उन्हें लाइट स्लीपर कहा जाता है. नींद को सही तरह समझने के लिए स्लीप साइकिल की जानकारी सबसे जरूरी है. 


स्लीप साइकिल क्या है
स्लीप साइकिल का सीधा मतलब नींद का चक्र पूरा होना है. इसमें सोने से लेकर जागने तक कई स्टेज होते हैं. बेड पर सोने के बाद नींद आने की शुरुआत से इसकी शुरुआत हो जाती है. हर किसी में इस स्टेज के घंटे अलग अलग हो सकते हैं. आमतौर पर दो घंटे बाद इस स्टेज से शरीर दूसरी स्टेज में जाने लगता है. इसमें आंखों की गति धीमी हो जाती है और हार्ट रेट पहले से सामान्य हो जाता है.


इस स्टेज में डीप स्लीप होती है. इसमें ब्रेन शांत रहता है और नींद गहरी होती जाती है. इसमें जो इंसान सबसे ज्यादा रहता है, वो कम घंटे के बावजूद अपनी नींद पूरी कर लेता है. इस स्टेज में कोई दखल नहीं पड़ता है और सपने भी नहीं आते हैं. तीसरा और आखिरी स्टेज REM SLEEP होता है. इसमें नींद पूरी होती रहती है. इंसान सपने देखते रहता है. इसकी वजह से उसकी पुतलियां घूमती रहती हैं. ये स्टेज भी दो घंटे तक का हो सकता है.


स्लीप साइकिल का क्या मतलब
एक्सपर्ट्स का कहना है कि स्लीप साइकिल का मतलब साफ है कि अगर रात में 10-11 बजे तक सो जा रहे हैं और सुबह 6 बजे आंख खुल जा रही है तो इसका मतलब नींद पूरी हो चुकी है. इसके बाद दोबारा नहीं सोना चाहिए, क्योंकि फिर शरीर दूसरे स्टेज में जाने लगता है. इसके बाद जब 8-9 बजे के बीच उठते हैं तो नींद बाधित होती है. यही कारण है कि कुछ लोग 8-9 घंटे सोने के बावजूद फ्रेश फील नहीं करते हैं.


लाइट स्लीपर होने का कारण
1. डिप्रेशन, एंग्जाइटी, मानसिक तनाव
2. किसी तरह की मेंटल समस्या
3. ज्यादा शराब पीना
4. खर्राटे ज्यादा आना


गहरी नींद के लिए क्या करें


1. समय पर सोएं.
2.हर दिन एक्सरसाइज करें.
3. कंफर्टेबल गद्दे और तकिए ही यूज करें.
4. रात में शराब, चाय-कॉफी पीने से बचें.
5. सोने से पहले गैजेट्स न यूज करें.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 


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