Sperm Count : दुनियाभर के पुरुषों का स्पर्म काउंट लगातार कम हो रहा है. पिछले 45 साल में यह आधे से भी कम हो गया है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इसका सबसे ज्यादा असर भारत के मर्दों पर हो रहा है. 'ह्यूमन रिप्रोडक्शन अपडेट' जर्नल की रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 1973 के बाद से स्पर्म काउंट में लगातार कमी आई है. जिसकी वजह से बांझपन यानी इनफर्टिलिटी की समस्या आम होती जा रही है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, आने वाले समय में पुरुषों के स्पर्म काउंट ज्यादा तेजी से घट सकता है, जो चिंता का विषय है. ऐसे में आइए जानते हैं आपका स्पर्म काउंट कितना होना चाहिए?




स्पर्म काउंट क्यों घट रहा है?




1. खानपान और हवा के जरिए शरीर में एंडोक्राइन डिसरप्टिंग केमिकल पहुंच रहा है, जो दूसरे हार्मोन को प्रभावित करता है.




2. प्रदूषण से भी पुरुषों का स्पर्म काउंट कम हो रहा है.




3. ज्यादा धूम्रपान और शराब पीने का असर भी स्पर्म काउंट पर पड़ सकता है.




4. मोटापा और खराब चीजें खाने से भी स्पर्म काउंट कम हो सकता है.




5. पुरुषों के सेक्स हॉर्मोन टेस्टोस्टेरोन के असंतुलन से भी स्पर्म काउंट कम होता है.




6. स्पर्म से जुड़ी जेनेटिक बीमारी, प्राइवेट पार्ट में इंफेक्शन और यौन रोग गोनोरिया से भी स्पर्म काउंट कम होने का खतरा रहता है.




स्पर्म काउंट कम होना कैसे पता चलता है?




पुरुषों को बिना जांच के स्पर्म काउंट कम होने का पता नहीं चल पाता है. किसी पुरुष के सीमेन में स्पर्म काउंट कम हो रहा है या नहीं इसके लिए सीमेन एनालिसिस टेस्ट किया जाता है. भारत में ज्यादातर पुरुष फर्टिलिटी की समस्या आने पर ही ये टेस्ट करवाते हैं.




स्पर्म काउंट कितना होना चाहिए?




विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक, हेल्दी स्पर्म, स्पर्म की संख्या, आकार और उनकी मोबिलिटी से हेल्दी सीमेन तय होता है. 35 साल की उम्र के बाद सीमेन की क्वालिटी खराब होने लगती है. संख्या के हिसाब से 1 मिलीलीटर सीमेन में 1.5 करोड़ स्पर्म होते हैं. इनकी संख्या बहुत ज्यादा कम होने पर पार्टनर को कंसीव यानी प्रेगनेंट होने में दिक्कत आती है. महिला की प्रेगनेंसी के लिए पुरुषों का स्पर्म मूवमेंट जरूरी होता है. इसके साथ ही 40% ओवरीज के एग्स तक पहुंचने चाहिए.




बेहद स्पर्म क्वालिटी के लिए क्या करें




1. न शराब पिएं और न स्मोकिंग करें.




2. कूल एनवायरमेंट में ही रहें.




3. बहुत टाइट कपड़े पहनने से बचें.




4. गोद में लंबे समय तक लैपटॉप न रखें.




5. अच्छी और संतुलित डाइट लें.




6. वजन कम करें.




7. लगातार गर्म पानी से नहीं नहाना चाहिए.




8. रेग्जिन की कुर्सी, बाइक या साइकिल ज्यादा न चलाएं.




9. तली-भुनी चीजों से दूर ही रहें.



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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