Pregnancy Care Tips : मां बनना हर महिला के लिए बेहद खास होता है. पहली बार मां बनने का तो अलग ही फील होता है. इस दौरान उस महिला की खुशी देखते ही बनती है. हालांक, अंदर से थोड़ा डर भी लगता है. प्रेग्नेंसी 9 महीनों का होता है और डॉक्‍टर्स ने इसे 3 तिमाही (Trimester) में बांटा है. हर 3 महीने में अलग-अलग बातों का ध्यान रखना पड़ता है.  पहली तिमाही पहले हफ्ते से शुरू होती है और 12 हफ्ते तक चलती है. दूसरी 13 हफ्ते से लेकर 15 सप्ताह तक रहती है और तीसरी तिमाही 28वें सप्ताह से शुरू होकर बच्चे के जन्म तक चलती है.

 

प्रेग्नेंसी में पहली तिमाही बेहद महत्वपूर्ण 

गर्भ धारण करने के शुरुआती तीन महीने सबसे महत्वपूर्ण होती है. इस दौरान गर्भवती महिला के शरीर को हर तरह के पोषक तत्वों की जरूरत होती है. चूंकि यह समय गर्भ में पल रहे भ्रूण तेजी से विकसित होता है, इसलिए खानपान का ध्यान बेहद जरूरी हो जाता है. हालांकि, कुछ चीजें न खाने की भी सलाह दी जाती हैं, ये नुकसानदायक भी हो सकती हैं. 7 ऐसे फूड्स हैं, जिनका सेवन प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में भूलकर भी नहीं करना चाहिए. ये मां और बच्चे दोनों के लिए नुकसानदायक हो सकता है. आइए जानते हैं...

 

फास्ट फूड

फास्ट फूड में प्रोसेस्ड फूड्स और रिफाइंड फूड्स आते हैं.गर्भावस्था में इसे खाना नुकसानदायक हो सकता है. फास्ट फूड से मां ही नहीं बच्चों में भी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए इस दौरान तला-भुना और बाहर की चीजों को न खाने को कहा जाता है.

 

पपीता

गर्भावस्था में भूलकर भी कच्चा पपीता नहीं खाना चाहिए. कच्चे पपीते में एक ऐसा केमिकल होता है, जो बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए डॉक्टर भी इससे बचने की सलाह देते हैं.

 

चाय-कॉफी, चॉकलेट

डॉक्टर बताते हैं कि प्रेग्नेंसी में बहुत ही कम कैफीन लेनी चाहिए. अब चूंकि चाय-कॉफी और चॉकलेट में काफी कैफीन पाई जाती है. ज्यादा कैफीन से गर्भपात का खतरा रहता है. कैफीन बच्चे को वजन को जन्म के समय कम भी कर सकता है.

 

एल्कोहल

अगर आप शराब या एल्कोहल लेती हैं तो गर्भवस्था में इसे अवॉयड करना चाहिए. स्टडी के मुताबिक, एल्कोहल से गर्भपात का खतरा चार गुना तक ज्यादा होता है. शराब की कुछ बूंदे ही बच्चे के मस्तिष्क के विकास में बाधा पैदा कर सकता है. कई अध्य्यन में ये बात साबित हो चुकी है.

 

अजीनोमोटो

चाइनीज फूड्स को भी प्रेग्नेंसी में खाने से बचना चाहिए. इसका निगेटिव असर भ्रूण में मस्तिष्क के विकास पर होता है. चूंकि स्ट्रीट फूड और चाइनीज फूड में अजीनोमोटो काफी मात्रा में यूज किया जाता है, ऐसे में यह नुकसानदायक हो सकता है.

 

कच्चा अंडा

गर्भवती महिलाओं को कच्चा अंडा भी खाने से बचना चाहिए. अच्छी तरह पकाकर ही अंडे का सेवन करना चाहिए. अधपके अंडे से सालमोनेला इंफेक्शन हो सकता है. इससे उल्टी और दस्त की प्रॉब्लम हो सकती है.

 

चिकन

चिकन में बैक्टीरिया और कई परजीवी पाए जाते हैं, जो शिशु की सेहत के लिए खतरनाक माने जाते हैं. प्रेग्नेंसी में भी यह हेल्थ प्रॉब्लम पैदा कर सकते हैं. विकलांगता, मिर्गी और अंधेपन की समस्या भी हो सकती है. 

 

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