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नाइट या मॉर्निंग पर्सन...जानिए कौन सी लाइफस्टाइल ज्यादा खतरनाक, ये है इससे बचने का तरीका
शोध बताते हैं कि अगर लाइफस्टाइल में सुधार कर लिया जाए तो कई तरह की समस्याएं अपने आप ही खत्म हो जाती हैं. सोने-जागने के समय को ठीक करना चाहिए. आंतरिक घड़ी खराब होने पर हेल्थ पर बुरा असर ही पड़ता है.
Night VS Morning Person : आजकल नाइट और मॉर्निंग पर्सन जैसे वर्ड्स खूब कॉमन हो रहे हैं. क्या आप जानते हैं ये क्या होते हैं या लाइफ में इनका रोल क्या होता है. दरअसल, पर्सनालिटी, एक्टिविटीज और फिजिकल एक्टिविटी के आधार पर मेडिकल साइंस ने लोगों को दो पार्ट में बांटा है. मॉर्निंग या डे पर्सन और नाइट पर्सन. मॉर्निंग पर्सन उन लोगों को कहा जाता है, जिनका दिमाग सबसे ज्यादा दिन के समय एक्टिव रहता है. सुबह जल्दी उठने वाले इस कैटेगरी में आते हैं. वहीं, नाइट पर्सन का प्रोडक्टिविटी सबसे ज्यादा शाम या रात में होती है. ये देर रात सोते हैं और सुबह काफी लेट उठते हैं. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, ये आपकी पर्सनालिटी, हेल्थ और खान-पान को प्रभावित करता है. आइए जानते हैं इसके बारें में...
नाइट पर्सन को मौत का खतरा
इससे जुड़े एक रिसर्च में बताया गया है कि 'नाइट पर्सन' को मौत का खतरा ज्यादा रहता है. ऐसे लोगों में शराब-सिगरेट पीने की लत ज्यादा होती है. उनमें कई क्रोनिक बीमारियां देखी गई हैं. इसलिए इस पर्सनालिटी के लोगों को सावधान रहना चाहिए.
क्यों कम होती है नाइट पर्सन की उम्र
नाइट पर्सन की लाइफ डे पर्सन की तुलना में काफी कम होती है. यह उनकी आदतों और जीन की वजह से होता है. दरअसल, शरीर के अंतर एक घड़ी काम करती है, जो सोने से लेकर जगने तक चक्र की तरह चलती रहती है और हमारी लाइफ के कई पहलुओं को कंट्रोल करने का काम करती है. यह प्रकाश में ज्यादा एक्टिव रहती है. इसलिए जब भी अंधेरा होता है तो हमें नींद आती है और दिन में हम एक्टिव हो जाते हैं. एक स्टडी में बताया गया है कि नाइट पर्सन में डिले स्लीप फेज डिसऑर्डर पाया गया है. इन लोगों में CRY1 नाम के जीन में जेनेटिक बदलाव देखने को मिलता है. इसकी वजह से निर्धारित समय से देर में नींद आती है.
नाइट पर्सन की मौत जल्दी क्यों हो सकती है
इस रिसर्च में शामिल शोधकर्ताओं ने दोनों तरह के पर्सन की आदतों का का विश्लेषण किया. उन्होंने बताया कि नाइट पर्सन में स्मोकिंग की आदत ज्यादा होती है, जिसकी वजह से उनकी मौत जल्दी हो सकती है. क्रोनोबायोलॉजी इंटरनेशनल जर्नल में छपी एक स्टडी में बताया गया है कि 23,000 से ज्यादा लोगों के हेल्थ और लाइफस्टाइल की 37 साल तक जांच के बाद पाया गया कि इसमें शामिल 8700 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. इनमें ज्यादातर नाइट पर्सन थे. उनमें शराब-सिगरेट की लत ज्यादा थी.
नाइट पर्सन शराब-सिगरेट क्यों पीते हैं
शोधकर्ताओं का कहना है कि नाइट पर्सन वालों में धूम्रपान और शराब पीने की ज्यादा आदत कहां से आती है, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है लेकिन शायद यह नींद न आने के कारण शुरू हो जाता होगा. समय के साथ यह आदत में आ जाती है और गंभीर समस्याओं का कारण बन जाता है. हालांकि, शोध ने यह भी बताया है कि लाइफस्टाइल को बेहतर बनाकर इसके जोखिम को कम भी किया जा सकता है.
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