Health Tips: खाना बनाते वक़्त किस तेल के इस्तेमाल से होगा ज़बरदस्त फायदा, जानें
Health Tips: वेजिटेबल ऑयल पौधों से प्राप्त होने वाले तेल जैसे सनफ्लावर ऑयल, पीनट ऑयल, सरसो का तेल या सोयाबीन ऑयल आदि से बना है. वहीं ऑलिव ऑयल जैतून का तेल है. ये दोनों ही तेल स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है और इन्हें खाना बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.
Health Tips: अपनी रसोई में खान बनाने के लिए किस तेल का इस्तेमाल करें, इसको लेकर अक्सर लोगों में उलझन सी होती है. क्योंकि एक तरफ होता है वेजिटेबल ऑयल जो पौधों से प्राप्त होने वाले तेल जैसे सनफ्लावर ऑयल, पीनट ऑयल, सरसो का तेल या सोयाबीन ऑयल आदि से बनता है और दूसरी तरफ है ऑलिव ऑयल यानी कि जैतून का तेल है. वैसे तो ये दोनों ही तेल स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं और इन्हें खाना बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन समझने वाली बात ये है कि इन दोनों तेलों में से किस तेल को ज़्यादा मात्रा में प्रोसेस्ड किया जाता है और फैट और कैलोरी के पैमाने पर इन दोनों में से कौन सा तेल ज़्यादा फायदेमंद है. तो आइये जानते हैं इस बारे में.
ऑलिव ऑयल और वेजिटेबल ऑयल हैं एक जैसे इन दोनों तेलों के बीच का फर्क बताने से पहले आपको इनकी कुछ समानताएं बता देते हैं. ये तो आप सभी जानते हैं कि जैतून के तेल का स्वाद वेजिटेबल ऑयल से अलग होता है. लेकिन इसके उलट इन दोनों तेलों में फैटी एसिड की मात्रा लगभग जैसी ही होती है. और तो और, वेजिटेबल ऑइल की तरह ही कुछ प्रकार के जैतून के तेल भी हाइली प्रोसेस्ड होते हैं. इन तेल के प्रकारों में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी होती है.
किस तेल में क्या छुपा है? जैतून और वेजिटेबल ऑयल दोनों में ही अनसैच्युरेटेड फैट होता है. जैतून के तेल में ओलिक एसिड, लिनोलिक एसिड और पामिटिक एसिड जैसे मोनोअनसैचुरेटेड फैट ज़्यादा मात्र में पाया जाता है. वहीं वेजिटेबल ऑयल में ज़्यादातर ओमेगा-6 पॉलीअनसेचुरेटेड फैट होते हैं. ऑलिव ऑयल के मोनोअनसैचुरेटेड फैट में एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व होते हैं जो हृदय के लिए ज़्यादा फायदेमंद माने जाते हैं. जबकि ओमेगा-6 पॉलीअनसेचुरेटेड फैट प्रो-इंफ्लेमेटरी होता है जो हृदय स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसके अलावा जैतून का तेल एंटीऑक्सिडेंट और टोकोफेरोल, कैरोटीनॉयड और पॉलीफेनोल्स जैसे विरोधी भड़काऊ यौगिकों में समृद्ध है और इसमें कुछ सूक्ष्म पोषक तत्वों जैसे कि विटामिन ई और के की भरमार है. दूसरी ओर, वेजिटेबल ऑयल बनाने के लिए उपयोग की जाने वाली क्रिया में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स, एंटीऑक्सिडेंट्स, और लाभकारी संयंत्र यौगिकों को नष्ट कर दिया जाता है, जिसमें टोकोफेरोल, फाइटोस्टेरोल, पॉलीफेनोल और कोएंजाइम शामिल हैं.
किस तेल को बनना चाहिए किचन किंग वेजिटेबल ऑयल के मुकाबले जैतून का तेल हर तरीके से ज़्यादा फायदेमंद है क्योंकि ये सबसे अधिक एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और खनिज को बरकरार रखता है. इतना ही नहीं, इसके ये गुण दिल के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद हैं. अगर वेजिटेबल ऑयल की बात की जाए तो, ये कई प्रकार के प्रसंस्करण से गुज़रता है और कई प्रकार के पौधों के तेलों को मिश्रित करता है. इसका मतलब यह है कि इसमें कम से कम फायदेमंद पोषक तत्व होते हैं और ये कैलोरी से भरपूर है.
जैतून का तेल वेजिटेबल ऑयल की तुलना में शरीर के साथ साथ दिमाग की सेहत के लिए भी ज़्यादा फायदेमंद है. लेकिन ऐसा नहीं है की वेजिटेबल ऑइल में गुणों की कमी है. अगर आप सोयाबीन ऑयल का इस्तेमाल करते हैं, तो जान लें कि ये आपके कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद करता है. इसके अलावा इसमें पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड और एसेंशियल फैटी एसिड की मात्रा ज्यादा रहती है जिससे दिल की काम करने की क्षमता बढ़ जाती है.
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