Health tips: लिवर (liver) हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका काम ब्लड को प्यूरिफाई करना और शरीर से हानिकारक पदार्थों को निकालना हैं. ऐसे में लिवर का सही तरीके से काम करना बहुत ज्यादा जरूरी होता है. लेकिन कई बार लिवर में छोटी-मोटी समस्या हो जाती है, जिसे हम यूं ही नजर अंदाज कर देते हैं, जबकि इसके लिए प्रॉपर लिवर फंक्शनिंग टेस्ट (liver functioning test) होता है. आप कब और किस तरह से लिवर फंक्शनिंग टेस्ट (LFT) करवा सकते हैं और किन लोगों को यह टेस्ट करवाने की जरूरत होती है आइए हम आपको बताते हैं.


किसे करवाना चाहिए लिवर फंक्शन टेस्ट
लिवर रोग के लक्षण वाले व्यक्तियों को
पीलिया (त्वचा और आंखों का पीला होना)
गहरे रंग का यूरिन या हल्के रंग का मल
लगातार थकान
मितली या उल्टी
भूख में कमी
पेट के ऊपरी दाहिनी ओर दर्द


लिवर रोग के जोखिम वाले व्यक्ति
शराब का सेवन: नियमित या भारी मात्रा में शराब का सेवन करने से लिवर को नुकसान हो सकता है.
दवाइयां: कुछ दवाइयां लिवर फंक्शन को प्रभावित कर सकती हैं, जैसे कि पेरासिटामोल (टाइलेनॉल) या कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाइयां.
वायरल संक्रमण: हेपेटाइटिस बी या सी जैसे वायरल संक्रमण लिवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
मोटापा: अधिक वजन वाले लोगों में फैटी लिवर रोग का खतरा ज्यादा होता है.
डायबिटीज: डायबिटीज से पीड़ित लोगों में लिवर समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है.


कब करवाना चाहिए लिवर फंक्शन टेस्ट
- LFT को रेगुलर हेल्थ टेस्ट में शामिल किया जा सकता है, खासकर यदि आपको लिवर डिजीज की फैमिली हिस्ट्री या लक्षण है.
- यदि आपको लिवर की समस्या के लक्षण दिखाई देते हैं, तो आपका डॉक्टर LFT करवाने की सलाह दे सकता है.
- यदि आप कोई नई दवा शुरू कर रहे हैं जो लिवर को प्रभावित कर सकती है, तो आपका डॉक्टर बेसलाइन LFT करने का सुझाव दे सकता है.
- यदि गर्भावस्था के दौरान लिवर हेल्थ को लेकर चिंताएं हैं, तो कुछ महिलाओं के लिए LFT की जरूरत हो सकती है.



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



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