Cancer Last Stage : कैंसर का नाम सुनते ही हाथ-पांव फूल जाते हैं. आंखों के सामने मौत मंडराने लगती है. पहले कभी-कभी ही कैंसर का नाम सुनने को मिलता था लेकिन अब आए दिन किसी न किसी में कैंसर की बीमारी होने की खबर मिल जाती है. यह एक आम बीमारी बनती जा रही है. कई बड़े सेलिब्रिटीज भी इसकी चपेट में आ रहे हैं.


पिछले दिनों ही टीवी एक्ट्रेस हिना खान में भी ब्रेस्ट कैंसर (Hina Khan Breast Cancer) की पहचान हुई. जिनमें तीसरे स्टेज में कैंसर की पहचान हो पाई. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कैंसर जैसी बीमारी का पता देर से ही क्यों लगता है. शुरुआत में इसके लक्षणों को समझने में कहां चूक होती है. आइए जानते हैं इनके जवाब...


कैंसर का पता लास्ट स्टेज में ही क्यों होता है


1. बिगड़ती लाइफस्टाइल
सेलिब्रिटी हो या आम इंसान हर किसी की लाइफस्टाइल इन दिनों काफी ज्यादा बिगड़ी हुई है. कई लोग स्मोकिंग, अल्कोहल और नशीली चीजों का सेवन करते हैं. उनके न खाने का कोई समय है और ना ही फिजिकल एक्टिविटीज करते हैं. इससे उनकी इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है और बीमारियों को लेकर ज्यादा संवेदनशील होने लगते हैं.


दिनभर काम करने के बाद वे इतनी बिजी लाइफस्टाइल जीते हैं कि उन्हें जांच करवाने तक का समय नहीं मिल पाता है, इसलिए समय पर गंभीर बीमारियों का पता नहीं चल पाता है. जरूरत से ज्यादा तनाव, अनहेल्दी लाइफस्टाइल से लोग सेहत को लेकर लापरवाह होते जा रहे हैं.


2. शुरुआती लक्षणों की अनदेखी
किसी बीमारी को लेकर जागरुकता की कमी या उसकी गत जानकारी होना अक्सर ही बड़ी बीमारी का कारण बन सकता है. ज्यादातर लोग बड़ी और खतरनाक बीमारियों को भी इसी चलते साधारण समझ लेते हैं, जिससे उसका पता चलने में देर हो जाती है. कैंसर के साथ भी ऐसा ही है, जिसमें जानकारी के अभाव में ज्यादातर लोगों में लास्ट स्टेज में ही कैंसर का पता चल पाता है और इलाज लेट शुरू होता है.


3. दूसरों से कुछ न शेयर करना
बहुत से लोग जब किसी परेशानी में होते हैं तो उसकी अनदेखी करते हैं. वे न दो दोस्त और ना ही फैमिली मेंबर्स से इसे शेयर करते हैं. किसी एक्सपर्ट्स की सही समय पर सलाह न लेने की वजह से उनमें कौन सी बीमारी पनप रही है, इसका पता देर से चल पाता है.


4. हेल्थ अवेयरनेस की जानकारी का अभाव
कई लोग दूसरों को बीमारी के प्रति तो जागरूक करते हैं लेकिन खुद की सेहत को गंभीरता से नहीं लेते हैं. इससे उनका शरीर किन परेशानियों में उन्हें पता ही नहीं चल पाता है. कुछ तो समाज में फैली सुनी-सुनाई बातों पर यकीन करते हैं और खुद को स्वस्थ मानने की गलती कर बैठते हैं, जिससे कैंसर जैसी बीमारियां देर से पता चल पाती हैं.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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