Health Tips: पश्चिमी खानपान बढ़ाता है हार्ट फेल्योर का खतरा, जानें क्यों और क्या कहती है स्टडी
Health Tips: वेस्टर्न स्टाइल खाना जिनको आप बड़े शौक से खाते हैं. क्या आपको पता है आपके लिए इतनी हानिकारक हो सकती है कि हार्ट फेल्योर का कारण बन जाए? तो आइए आज हम आपको विस्तार से बताते है कि स्टडी क्या कहती है.
Health Tips: विदेशों की नकल करना इंडिया में एक फैशन जैसा माना जाता है. जिसके चलते भारत में युवा पश्चिमी सभ्यता से बेहद प्रभावित नजर आते हैं. म्यूजिक और फैशन तो एक अलग बात है, मगर वेस्टर्न स्टाइल फूड भी भारत में काफी पॉपुलर हो गया है. इससे प्रभावित होकर लोगों ने कॉर्न फ्लेक्स, सैंडविच स्प्रेड, मेयोनीज, म्यूसली, सोया सॉस, सॉल्टेड बटर, व्हाइट ब्रेड आदि बेझिझक खाना शुरू कर दिया है. लेकिन क्या आपको पता है कि हाल में हुए शोध में वेस्टर्न स्टाइल खाना, खासकर वो आहार जिनमें शुगर की भरपूर मात्रा पायी जाती है. लोगों के लिए इतनी हानिकारक हो सकती है कि हार्ट फेल्योर का कारण बन जाए? तो आइए आज हम आपको बताते है कि स्टडी क्या कहती है.
वेस्टर्न स्टाइल आहार क्यों खतरनाक है? वेस्टर्न स्टाइल खाने में शुगर और फैट की मात्रा बहुत अधिक पायी जाती है. वेस्टर्न स्टाइल खाना जैसे बर्गर, पिज्जा, कोल्ड ड्रिंक, फ्राइज, सैंडविच आदि होते है. इनमें शुगर, कार्ब्स और फैट भरे हुए होते हैं. स्पेशली कोल्ड ड्रिंक्स, सोडा ड्रिंक्स, एनर्जी ड्रिंक्स, ब्रेकफास्ट सीरियल्स आदि में, शुगर बहुत ज्यादा पायी जाती है. इन प्रॉसेस्ड फूड्स के सेवन से आपके शरीर को पोषक तत्व नहीं मिलते हैं. इससे आपको फैट, कोलेस्ट्रॉल, शुगर और कार्ब्स ज्यादा मिलते हैं. इसी वजह से वेस्टर्न स्टाइल खाना हेल्थ के लिए बेहद हानिकारक होता है.
हार्ट फेल्योर और वजन बढ़ने का खतरा वेस्टर्न खाने में ऐसी बहुत सी डिश होती हैं, जिनमें शुगर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. अगर कोई इंसान इनको खाता है और अगर फिजिकल एक्टिविटी कम करता है, तो वो मोटापे का शिकार हो जाता है और इससे भविष्य में उसका हार्ट फेल होने की संभावना बढ़ जाती है. हार्ट फेल्योर से पहले उसे प्री-हार्ट फेल्योर के लक्षण महसूस हो सकते हैं.
प्री-हार्ट फेल्योर क्या है? प्री-हार्ट फेल्योर, हार्ट अटैक से पहले होने वाली स्थिति होती है. जिस इंसान को प्री-हार्ट फेल्योर हो चुका है, तो उसे कंप्लीट हार्ट फेल्योर होने की संभावना बढ़ जाती हैं. प्री-हार्ट फेल्योर को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. प्री-हार्ट फेल्योर में व्यक्ति के कार्डियक मसल्स में बदलाव शुरू हो जाता है और वो कमजोर हो जाती हैं, जिसकी वजह से ब्लड पंप करने में समस्या आने लग जाती है. इसके चलते व्यक्ति को 1-2 बार छोटे-छोटे हार्ट अटैक आने की संभावना होती है.
ये अध्ययन कैसे किया गया? अध्ययन में पता लगाया गया कि अलग-अलग ग्रुप्स में लोगों की डाइट का उनके व्यवहार, फैट एसिड की मात्रा, पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड या फ्लैवोनॉइड की मात्रा आदि का उनकी हेल्थ पर क्या प्रभाव पड़ता है. इसी के अनुसार वैज्ञानिकों ने बताया कि वेस्टर्न डाइट प्री-हार्ट फेल्योर और हार्ट फेल्योर के खतरे को बढ़ा सकती है.
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