Women's In Organ Donation: देश में अंगदान करने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. पिछले सात साल में ही इसमें 50 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. हाल ही में लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी ने उन्हें अपनी एक किडनी डोनेट की है, इसके बाद ऑर्गन डोनेशन को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं. आंकड़ों पर नज़र डालें तो इसमें महिलाएं पुरुषों के मुकाबले काफी आगे हैं. ऑर्गन इंडिया (ORGAN India) की तरफ से जारी एक आंकड़े के मुताबिक, अंगदान को लेकर भारत में लोग आगे आ रहे हैं लेकिन ऑर्गन ट्रांसप्लांट (Organ Transplant) भी इसमें पीछे नहीं. एक उदाहरण से देखें तो साल 2014 में भारत में 6,916 ऑर्गन ट्रांसप्लांट हुए, वहीं, 2021 में इसकी संख्या 12,259 हो गई. यानी की इसमें 7 प्रतिशत के आसपास बढ़ोतरी देखी गई. ऑर्गन ट्रांसप्लांट में किडनी, लिवर, हार्ट, फेफड़े, अग्न्याशय और छोटी आंत प्रत्यारोपण शामिल है. वहीं, 2014 में अंगदान करने वालों की संख्या 1,030 थी, जो पिछले साल 1,619 पहुंच गई थी यानी कि इसमें करीब 57% की वृद्धि देखी गई है.
डिमांड और सप्लाई में अंतर
भले ही ऑर्गन डोनेशन और ऑर्गन ट्रांसप्लांट की संख्या बढ़ रही है लेकिन आज भी इसके डिमांड और सप्लाई में बड़ा अंतर देखने को मिल रहा है. एक मीडिया हाउस से बात करते हुए ऑर्गन इंडिया की चेयरपर्सन अनिका पराशर ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि भारत जैसे देश में आज के वक्त भी अंगदान को लेकर जानकारी का अभाव, हिचकिचाहट और अंधविश्वास हावी है. कई केस तो ऐसे भी आए हैं जब कोई शख्स अपने अंगों को गिरवी रख देता है, लेकिन फैमिली इससे इनकार कर देते हैं. इसकी वजह से कई तरह की परेशानियां भी सामने आती हैं.
चौंकाने वाले हैं आंकड़े
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) की वेबसाइट पर उपलब्ध सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में हर साल करीब 1.8 लाख लोग किडनी फेलियर के शिकार होते हैं. इसके विपरीत किडनी ट्रांसप्लांट की कुल संख्या 6,000 के ही करीब है. हर साल करीब 2 लाख मरीजों की मौत लिवर फेलियर या लिवर कैंसर की वजह से हो जाती है. इन आंकड़ों के मुताबिक हर साल 25,000 से 30,000 तक लिवर ट्रांसप्लांट की आवश्यकता है लेकिन सिर्फ 1,500 ही लिवर ट्रांसप्लांट हो पाते हैं. वहीं, हर साल करीब 50,000 लोग हार्ट फेलियर से पीड़ित होते हैं लेकिन साल भर में ट्रांसप्लांट की संख्या सिर्फ और सिर्फ 10 से 15 ही हो पाती है.
अंगदान में महिलाएं आगे
अब अगर अंगदान की बात करें तो इसमें महिलाएं पुरुषों की तुलना में काफी आगे हैं. किडनी रोग अनुसंधान केंद्र संस्थान के डॉक्टर विवेक कुटे की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, एक शोध से पता चला है कि देश में पिछले 12,625 प्रत्यारोपणों में से 72.5% प्राप्तकर्ता पुरुष हैं. वहीं, पिछले 20 साल के आंकड़ों पर गौर करें तो जीवित डोनर्स में महिलाओं की संख्या 75-80 प्रतिशत है. जबकि प्राप्तकर्ता में पुरुषों की संख्या ज्यादा है. डॉ. पराशर कहती हैं कि ये आंकड़े बताते हैं कि आज भी भारत में महिलाओं को पुरुषों की तुलना में कम अहमियत दी जाती है. उन्होंने देशभर में जागरूकता बढ़ाने और अधिकारियों, पुलिस, मेडिकल फ्रैटर्निटी और फैमिली के बीच को-ऑर्डिनशेन पर जोर दिया है.
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