Health Tips: वर्क फ्रॉम होम ने लोगों की नींद खराब की ! घर से काम करने वालों को हुए ये नुकसान, जानें क्या कहती है स्टडी
वर्क फ्रॉम होम के आपकी नींद के चक्र और आदतों को बेहद प्रभावित किया है, जिसके चलते अधिकतर लोग खराब नींद के शिकार हो रहे हैं, जिसका आपकी सेहत पर बहुत ही हानिकारक प्रभाव पड़ रहा है, तो आइए आज हम आपको इस शोध के बारे में विस्तार से बताते हैं.
Health Tips: वर्तमान समय में फैली कोरोनावायरस महामारी के चलते वर्क फ्रॉम होम ने लोगों की लाइफस्टाइल और नींद के रूटीन को पूरी तरह से प्रभावित किया है. दरअसल वर्क फ्रॉम होम के कारण आप अपने काम से थोड़ी देर डिस्कनेक्ट होने और कुछ देर अपनी आंखें बंद करने के लिए भी संघर्ष करते हैं. जहां एक तरफ आप सोशल डिस्टेंसिंग, चेहरे को ढंकने और बार-बार हाथ धोने की नई दुनिया में जीना सीख रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ दुनिया भर के लोग नींद के बिगड़ते चक्र और आदतों के चलते खराब नींद के शिकार हो रहे हैं, जिसका आपकी सेहत पर बहुत ही नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, तो आइए आज हम आपको इस शोध के बारे में विस्तार से बताते हैं.
क्या कहती है स्टडी इस अध्ययन के अनुसार कोरोनावायरस संक्रमण की वजह से आपकी लाइफस्टाइल में आए बड़े बदलाव का आपकी नींद की गुणवत्ता पर बहुत ही गहरा असर पड़ा है. इस रिसर्च में शामिल प्रतिभागियों की नींद की क्षमता, सोने के समय में कमी, नींद की गुणवत्ता और दिन की नींद में विपरीत बदलाव देखा गया. इस शोध में 18-65 साल की आयु के बीच के 121 पुरुषों और महिलाओं को शामिल किया गया था. उनकी नींद की आदतों पर क्वारंटाइन के पहले और फिर बाद के 40 दिन तक नजर रखी गई थी. फिर इसका डेटा एकत्रित करने के बाद, पिट्सबर्ग स्लीप क्वालिटी इंडेक्स (पीएसक्यूआई) का इस्तेमाल करके उनकी नींद की गुणवत्ता को जांचा गया और उनके बीएमआई को भी नोट किया गया.
शोध का निष्कर्ष रिसर्च के अनुसार सभी प्रतिभागियों ने PSQI स्कोर में बढ़ोत्तरी का उल्लेख किया, जो वास्तव में क्वारंटाइन के बाद खराब तौर पर प्रभावित हो चुकी नींद की गुणवत्ता को दिखाता था. इस स्टडी में नींद की गुणवत्ता और बॉडी मास इंडेक्स पर क्वारंटाइन का असर और साथ ही नींद की खराब गुणवत्ता और बढ़ी हुई नींद के बीच एक गहरा संबंध देखा गया.
वर्क फ्रॉम होम का नींद की गुणवत्ता पर असर अध्ययन के मुताबिक PSQI का अधिक स्कोर उन लोगों में पाया गया, जो ज्यादातर घर से काम कर रहे थे और पूरे दिन काम करने के लिए स्मार्ट उपकरणों का उपयोग कर रहे थे. रिसर्चर्स की मानें, तो घर पर स्क्रीन पर अधिक समय तक काम करने पर नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है और जो खराब नींद में एक बड़ी भूमिका अदा करती है. इस रिसर्च में शामिल प्रतिभागियों ने अपनी शारीरिक गतिविधियों में भी कमी देखी और कोरोनावायरस की इस महामारी के दौरान अनहेल्दी आहार के सेवन में भी वृद्धि पाई गई.
इस शोध से क्या सीखने की आवश्यकता है इस अध्ययन में पाया गया कि स्क्रीन-टाइम में बढ़ोत्तरी, अनहेल्दी फूड हैबिट्स और शारीरिक गतिविधियों में भारी कमी के कारण आपकी नींद के चक्र प्रभावित होता है. इसके अवाला इस संक्रमण से संबंधित चिंता के बढ़े स्तर ने भी आपकी गुणवत्ता और नींद के चक्र को प्रभावित करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है. वर्तमान समय में आप नए सामान्य नियमों को अपनी लाइफ का हिस्सा बना रहे हैं, तो ऐसे में जरूरी है कि आप अपने नींद के पैटर्न और इसके संभावित व्यवधानों को के प्रति जागरूक रहने का प्रयास करें.
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