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World Arthritis Day 2023 : आसान भाषा में समझें क्या है आर्थराइटिस, क्या है इसके कारण, लक्षण और बचाव
आर्थराइटिस में जोड़ों में सूजन और दर्द की समस्या होती है, जो बढ़ती उम्र के साथ और तकलीफ देने लगती है. आर्थराइटिस को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 10 अक्टूबर को आर्थराइटिस डे मनाया जाता है.
Arthritis : आर्थराइटिस यानी गठिया में चलना-फिरना, उठना-बैठना मुश्किल हो जाता है. पहले यह बीमारी उम्र बढ़ने के साथ आती थी लेकिन अब कम उम्र में ही लोग इसके शिकार बन रहे हैं. आर्थराइटिस (Arthritis) में जोड़ों में सूजन और दर्द की समस्या होती है, जो बढ़ती उम्र के साथ और तकलीफ देने लगती है. यही कारण है कि आर्थराइटिस को लेकर जागरूकता बढ़ाने और इससे बचाव के लिए हर साल 12 अक्टूबर को आर्थराइटिस डे (World Arthritis Day 2023) मनाया जाता है। आइए जानते हैं आखिर आर्थराइटिस कितनी खतरनाक है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए.
आर्थराइटिस क्या है
आर्थराइटिस शरीर में किसी भी जॉइंट को प्रभावित कर सकती है. हालांकि, यह समस्या घुटनों में ज्यादा होती है. इसके कई कारण हो सकते हैं. जैसे- शरीर में ज्यादा यूरिक एसिड की वजह से गाउट की समस्या होती है और इस वजह से आर्थराइटिस हो सकता है. आर्थराइटिस में सूजन हो जाना काफी कॉमन है. इसलिए इसमें लापरवाही नहीं करनी चाहिए.
आर्थराइटिस का कारण
आर्थराइटिस का कोई एक नहीं बल्कि कई कारण हो सकते हैं. आनुवांशिक कारण की वजह से भी गठिया की बीमारी हो सकती है. जोड़ों पर लगी चोट भी आर्थराइटिस का कारण बन सकती है. इसके अलावा असामान्य मेटाबॉलिज्म, लाइम बीमारी गठिया के लक्षणों को ट्रिगर कर सकता है. इससे बचने के लिए सावधान रहना चाहिए.
आर्थराइटिस के लक्षण
आर्थराइटिस का लक्षण भी अलग-अलग हो सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबकि, गठिया का दर्द लगातार बना भी रह सकता है और इसमें दर्द आ-जा भी सकता है. दर्द ही नहीं गठिया में सूजन की समस्या भी हो सकती है. इसमें प्रभावित जॉइंट की स्किन लाल हो जाती है और उसमें सूजन आ जाती है. इसे छूने पर यह गर्म महसूस हो सकती है. इसके अलावा जोड़ों को हिलाने-डुलाने में भी समस्या हो सकती है. आर्थराइटिस समय के साथ और भी ज्यादा परेशान कर सकती है.
आर्थराइटिस से बचाव
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, आर्थराइटिस का वैसे तो कोई इलाज नहीं है. हालांकि, दवाईयों, थेरेपी और एक्सरसाइज के जरिए इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है. एंटी-इंफ्लामेरी दवाईयां, फिजिकल थेरेपी की मदद से दर्द को कम किया जा सकता है. कई लोग ऐसे भी होते हैं, जिनमें गठिया की समस्या लाइफटाइम भी बनी रह सकती है. हालांकि, कुछ बातों का ध्यान रखकर इसके जोखिम को कम भी किया जा सकता है. इसके लिए तंबाकू से परहेज करें, रोजाना एक्सरसाइज करें, ज्यादा वजन न उठाएं, वजन को भी कम रखें. इससे आर्थराइटिस से आराम मिल सकता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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हरिशंकर जोशीवरिष्ठ पत्रकार
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