Kids yoga :  अगर आपके बच्चे में वोकल कॉर्ड (Vocal Chords) से जुड़ी कोई भी समस्या है. वो बात-बात पर हकलाता है. उसका आत्म-विश्वास (Self-Confidence) कमजोर है. ऐसी स्थिति में पेरेंट्स को चाहिए कि वह अपने बच्चे को योगा और आसन (Yoga For Kids) सिखाएं. इससे उसकी कई समस्याएं खत्म हो सकती है. इस कंडिशन में शंख मुद्रा का अभ्यास सबसे ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है. हर दिन शंख मुद्रा का अभ्यास बच्चों की इन समस्याओं को दूर कर सकता है. शंख मुद्रा को हार्ट के पास और गले के नीचे बनाने से बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता है, मन शांत रहता है और दिमाग भी काफी एक्टिव चलने लगता है. इससे उनका पढ़ाई पर फोकस भी बढ़ जाता है. आइए जानते हैं बच्चों को कैसे करवा सकते हैं शंख मुद्रा का अभ्यास...

 

शंख मुद्रा क्या होता है

हिंदू धर्म में पूजा के वक्त शंखनाद शुभ माना जाता है. शंख बजाने से उस स्थान की शुद्धता और पवित्रता होती है. इससी तरह शंख मुद्रा भी शारीरिक और मानसिक गंदगी को दूर कर गले को  शुद्ध करता है और शारीरिक रुप से स्ट्रॉन्ग बनाता है. शंख मुद्रा हाथों से बनाई जाने वाली शंख के आकार जैसे होती है. इसे अंजलि मुद्रा भी कहा जाता है. योग के अनुसार हाथों की पांचों उंगलियों में पांच तत्व अग्नि, आकाश, जल, पृथ्वी और वायु मौजूद होते हैं. इसलिए कहा जाता है कि शंख मुद्रा के अभ्यास से शरीर का पित्त नियंत्रित होता है और गले से जुड़ी हर समस्या दूर हो सकती है. इससे वाणी में भी मधुरता आता है. 

 

इस तरह बच्चों को कराएं शंख मुद्रा का अभ्यास

1. शंख मुद्रा के लिए बच्चे को कहीं भी बैठा सकते हैं, जहां वह कंफर्टेबल हों.

2. बच्चे की कमर सीधी हो और हाथों को चेस्ट के सामने लाएं

3. उसके बाएं हाथ की उंगलियों से दाहिने हाथ के अंगूठे को कवर करें

4. बच्चे की चेस्ट के पास हाथ को शंख के आकार में बनाएं

5. अब आंखों को बंद कर लें और ओम की ध्वनि का ध्यान करते हुए लंबी गहरी सांसें लें

6. शंख मुद्रा के दौरान बच्चे को एकाग्र होने को कहें

7. नियमित रुप से 15 मिनट शंख मुद्रा का अभ्यास बच्चे को कराएं

 

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