आज के समय में युवा आबादी में दिल का दौरा, कार्डियक अरेस्ट और हृदय रोग की समस्या काफी आम हो गई है, और यह एक महत्वपूर्ण वैश्विक चिंता का विषय भी बन गई है. 'हार्ट अटैक' और 'अचानक कार्डियक अरेस्ट' दो ऐसे शब्द हैं जो भले ही दोनों अलग-अलग हो लेकिन इनका इस्तेमाल अक्सर एक-दूसरे के लिए किया जाता है.
किसी को भी हो सकती है दिल की समस्या
वर्तामन समय में यह एक माना जाता है कि जो व्यक्ति स्वस्थ दिखता है, खेलकूद या ऐसी अन्य फिजिकल एक्टिविटी में जुड़ा होता है तो वह हृदय संबंधी समस्याओं से पीड़ित नहीं होता. लेकिन बीते कुछ महीनों में हेल्दी और फिट कहे जाने वाले मशहूर हस्तियों को दिल के दौरे और कार्डियक अरेस्ट के आने के कारण दम तोड़ते देखा गया है. जिससे यह सवाल उठाता है कि क्या फिट होने का मतलब स्वस्थ होना जरूरी है?
आर्टरी में ब्लॉक होने पर आता है दिल का दौरा
सर गंगाराम अस्पताल के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट और इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिस्ट डॉ अमन मखीजा का कहना है कि किसी इंसान के आर्टरी में ब्लॉक आने के कारण दिल का दौरा पड़ता है, जिससे अचानक सीने में दर्द, पसीना आना, धड़कन बढ़ने की शिकायत देखी जाती है. अगर इसका इलाज नहीं किया जाता है तो यह अचानक कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकता है.
मोटापे और मधुमेह बिमारियों की प्रमुख वजह
डॉक्टर का कहना है कि मोटापे और मधुमेह के साथ ही इंएक्टिव जीवनशैली दिल की बिमारियों को प्रमुख कारण हैं. उनका कहना है कि तंबाकू, शराब, सिगरेट जैसे हानिकारक पदार्थों का उपयोग हृदय के स्वास्थ्य में गिरावट के लिए जिम्मेदार होते हैं. वहीं व्लड शुगर के स्तर में वृद्धि, हाई ब्लड प्रेशर और आमतौर पर पाई जाने वाली अन्य बीमारियां हृदय रोगों का कारण बन सकती हैं. डॉ अमन मखीजा का मानना है कि फिट लोग भी प्रभावित हो सकते हैं.
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