प्रेग्नेंसी के दौरान वेट बढ़ना एक सामान्य और जरूरी प्रक्रिया ह. लेकिन यह जानना महत्वपूर्ण है कि कितना वेट बढ़ना सही है. सही मात्रा में वेट बढ़ने से मां और बच्चे दोनों का हेल्थ अच्छा रहता है. अगर वेट जरूरत से ज्यादा बढ़ता है, तो इससे कई समस्याएं बढ़ जाती है. आइए जानें, प्रेग्नेंसी में सही वेट बढ़ने का पैमाना क्या है और ज्यादा वेट बढ़ने से मां और बच्चे को क्या दिक्कतें आ सकती हैं. 


प्रेग्नेंसी में कितना वेट बढ़ना सही है?



  • सामान्यत: प्रेग्नेंसी के दौरान 10 से 15 किलोग्राम तक वेट बढ़ना सही माना जाता है. यह वेट बढ़ना कई  फैक्टर्स पर निर्भर करता है:

  • पहला ट्राइमेस्टर (0-3 महीने): इस दौरान वेट में ज्यादा बदलाव नहीं होता, लगभग 1-2 किलोग्राम बढ़ सकता है.

  • दूसरा ट्राइमेस्टर (4-6 महीने): इस समय वेट तेजी से बढ़ता है, लगभग 5-7 किलोग्राम तक.

  • तीसरा ट्राइमेस्टर (7-9 महीने): आखिरी महीनों में वेट और भी बढ़ सकता है, लगभग 5-7 किलोग्राम. 


ज्यादा वेट बढ़ने पर होने वाली दिक्कतें



  • हाई ब्लड प्रेशर: ज्यादा वेट बढ़ने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जिससे प्रेग्नेंसी में जटिलताएं हो सकती हैं. इससे मां और बच्चे दोनों को खतरा हो सकता है. हाई ब्लड प्रेशर के कारण डिलीवरी में भी समस्याएं आ सकती हैं और सिजेरियन सेक्शन की जरूरत पड़ सकती है. 

  • जेस्टेशनल डायबिटीज: अधिक वेट बढ़ने से गर्भावस्था के दौरान शुगर लेवल बढ़ सकता है, जिसे जेस्टेशनल डायबिटीज कहते हैं. इससे मां और बच्चे दोनों को स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. जेस्टेशनल डायबिटीज के कारण डिलीवरी में जटिलताएं आ सकती हैं और बच्चे का वजन भी अधिक हो सकता है. 

  • डिलीवरी में समस्या: ज्यादा वेट बढ़ने से नॉर्मल डिलीवरी में दिक्कतें आ सकती हैं और सिजेरियन सेक्शन की संभावना बढ़ जाती है.

  • बच्चे के स्वास्थ्य पर असर: अधिक वेट बढ़ने से बच्चे का वेट भी ज्यादा हो सकता है, जिससे जन्म के समय और बाद में भी समस्याएं हो सकती हैं.

  • कमर और जोड़ों में दर्द: ज्यादा वेट बढ़ने से कमर और जोड़ों में दर्द की समस्या हो सकती है, जिससे माँ को असुविधा हो सकती है. 


सही वेट बनाए रखने के टिप्स



  • बैलेंस डाइट लें: पोषण से भरपूर आहार लें जिसमें फल, सब्जियां, दालें, और डेयरी प्रोडक्ट्स शामिल हों.

  • रोजाना हल्का व्यायाम करें: डॉक्टर की सलाह से हल्का व्यायाम या योग करें।.

  • पानी पीएं: पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे.

  • नियमित जांच करवाएं: डॉक्टर से नियमित जांच करवाएं और उनके सुझावों का पालन करें.

  • जंक फूड से बचें: अधिक कैलोरी वाले जंक फूड और मिठाइयों से बचें. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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