बदलती लाइफस्टाइल और स्ट्रेस के कारण आजकल बुजुर्ग ही नहीं बल्कि युवा भी हार्ट अटैक से अपनी जान गवां रहे हैं. यंगस्टर भी इस खतरनाक बीमारी की चपेट में आ रहे हैं.  ऐसे में जरूरी है अपने जीवनशैली में कुछ ऐसी चीज़ों को शामिल करना जिससे हम इस गंभीर बीमारी के चपेट में आने से बच सकें. आज इस खबर में हम आपको कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देंगे जिसे अपना कर आप हार्ट अटैक (Heart Attack) जैसी गंभीर बीमारी से खुद को बचा सकते हैं, साथ ही जानेंगे अगर किसी व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ जाये तब ऐसा क्या करना चाहिए, जिससे मरीज की जान बचाई जा सके.  आज आपको बता रहे हैं पांच लाइफ सेविंग टिप्स. 

 

अपनी दिल की सेहत को बेहतर बनाने के लिए, इन बातों का रखे ख्याल

 

अपनी जीवनशैली में आवश्यक बदलाव करें. यदि आप स्मोक करते है तो सबसे पहले स्मोकिंग को हमेशा के लिए अलविदा कह दें. 

 

व्यस्त दिनचर्या के कारण हम खुद के लिए 20 मिनट का भी समय नहीं निकाल पाते जिस कारण हमें खतरनाक बीमारियां घेरने लगती हैं. अगर आप भी व्यस्तम दिनचर्या में है तो अब आपको बदलाव करने की जरूरत है, अपने लिए आप 20 मिनट का समय निकालें और व्यायाम, योग को अपने दिनचर्या में शामिल करें.

 

अपनी डाइट से सैचुरेटेड फैट्स, शुगर और सोडियम के सेवन को बेहद कम करें.

 

दिल को जवान और तंदरुस्त रखना है तो शुगर को अपनी डाइट से कट कर दें. सोडा चीनी से भरपूर होता है, जो आपके  ब्लड शुगर के लेवल को बढ़ाने का काम करता है, ऐसे में आपकी धमनियों पर स्ट्रेस आता है, और ब्लड प्रेशर बढ़ता है, जिससे हार्ट अटैक आने की सम्भावना बढ़ जाती है.

 

चलिए अब जानते है दिल का दौरा पड़ने पर आपको क्या करना चाहिए?  जानें 5 लाइफ-सेविंग टिप्स.

 

यदि किसी को दिल का दौरा आता है तो सबसे पहले इस बात का ख्याल रखें कि आप पेनिक न करें. समझदारी से काम लें. यदि आप घबराहट में रहेंगे तो मरीज और ज्यादा पैनिक करने लगेगा.

 

हार्टअटैक आने पर मरीज को सबसे पहले  लिटाएं  और उन्हें आरामदायक स्थिति में लाएं. अब आपको मरीज को एस्प्रिन की टेबलेट चूसने के लिए देनी है. एस्प्रीन चूसने से ब्लड के थक्के नहीं जमते और मृत्यु दर 15 प्रतिशत तक कम हो जाती है.

 

अटैक में धड़कने धीमी और फिर बंद हो सकती हैं. ऐसे में आपको तुरंत ही सीने को दबाकर सांस चालू करने की कोशिश करनी है. इससे धड़कने फिर से शुरू हो जाती हैं, इसे सीपीआर तकनीक कहते हैं.

 

मरीज को आपको जल्दी ही कृत्रिम श्वांस देना है. ऐसे में आप मरीज का तकिया हटा दें और उसकी ठोड़ी को ऊपर उठाइये. जब आप ऐसे करते है तो इससे  सांस की नली का ब्लॉकेज कम होने लगता है.

 

मरीज  की नाक को उंगलियों से दबाकर रखें और अपने मुंह से सांस देना शुरू करें. नाक को दबाने से मुंह से दी जा रही सांस सीधे मरीज के लंग्स तक जा सकेगी. गहरी सांस लेकर अपना मुंह चिपकाएं. ख्याल रखें हवा मुंह से किसी तरह से भी बाहर न निकल रही हो. मरीज के मुंह में धीमे-धीमे सांस छोड़ें, 2-3 सेकेंड में मरीज के फेफड़ों में हवा भर जायेगी. ऐसा दो से तीन बार आपको करना है.

 

सबसे जरूरी बात दिल का दौरा पड़ने पर मरीज को तुरंत डॉक्टर के पास  ले जाये बहुत समय न गवाएं.