पूरी दुनिया में तेजी से हार्ट अटैक के मामले सामने आ रहे हैं. हार्ट अटैक के लक्षणों के अगर पहले से पहचान ली जाए तो इस बीमारी से होने वाली मौत को रोका जा सकता है. कई बार हार्ट अटैक पड़ने से पहले लक्षण दिखाई देते हैं लेकिन लोग इस मामूली समझकर इग्नोर कर देते हैं. डॉक्टर्स के मुताबिक हार्ट अटैक आने से पहले शरीर पर कई तरह के लक्षण दिखाई देते है. कई बार तो 2-4 घंटे के बीच लक्षण दिखाई देते हैं. अगर समय रहते इसकी पहचान कर ली जाए तो शॉर्टनेस ऑफ ब्रेथ से बची जा सकती है. 


सांस लेने में तकलीफ होने का साफ अर्थ है कि ऑक्सीजन की कमी होना. ऐसे में व्यक्ति को काफी ज्यादा घबराहट होने लगती है. हार्ट अटैक पड़ने पर कई बार सांस फूलने लगता है.


दिल का दौरा तब पड़ता है जब हृदय में रक्त का प्रवाह गंभीर रूप से कम या अवरुद्ध हो जाता है. ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट आने का कारण आमतौर पर हृदय (कोरोनरी) धमनियों में वसा, कोलेस्ट्रॉल के कारण होती है. जब ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो जाता है या रुक जाता है, तो हृदय की मांसपेशियों के हिस्से को नुकसान पहुंचा सकती है या नष्ट कर सकती है. ये स्थिति हार्ट अटैक या हार्ट स्ट्रोक का कारण बनती है. आजकक हार्ट की समस्या तेजी से बढ़ रही है. हष्ट-पुष्ट व्यक्ति में भी हार्ट अटैक जैसे मामले देखने को मिल रहे हैं. तो चलिए आज लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं हार्ट अटैक के कारण और लक्षणों के बारे में-


हार्ट अटैक से पहले शरीर में क्या लक्षण दिखते हैं?


सीने में दर्द, दबाव और बैचेनी होती है. 


हार्ट अटैक पड़ने से पहले जकड़न और दर्द महसूस होती है


थकान और सांस लेने में तकलीफ होती है. 


सीने में दर्द जो दबाव, जकड़न जैसा महसूस होता है


दर्द या बेचैनी जो कंधे, हाथ, पीठ, गर्दन, जबड़े, दांत या कभी-कभी ऊपरी पेट तक फैल जाती है


ठंडा पसीना


थकान


नाराज़गी या अपच


चक्कर आना या अचानक से चक्कर आना


जी मिचलाना


सांस लेने में कठिनाई


हार्ट अटैक के कारण


कोरोनरी आर्टरी डिजीज सबसे ज्यादा हार्ट अटैक का कारण बनता है. कोरोनरी धमनी रोग में, एक या अधिक हृदय (कोरोनरी) धमनियां अवरुद्ध हो जाती हैं. यह आमतौर पर कोलेस्ट्रॉल  जमा होने के कारण होता है जिसे प्लाक कहा जाता है. प्लाक धमनियों को संकुचित कर सकता है, जिससे हृदय में रक्त का प्रवाह कम हो सकता है. ब्लड सर्कुलेशन का रुक जाना ही हार्ट अटैक का मुख्य कारण होता है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.